हरिद्वार 22 नवंबर,संजीव मेहता।तपस्वी ब्रह्मनिष्ठ संत सद्गुरू श्री श्री टाट वाले बाबा जी के महाराज का 35 वें वार्षिक स्मृति समारोह में आयोजित वेदान्त म्महोत्सव का शुभारंभ श्री गुरु की आरती वंदन से किया गया । गुलरवाला से आई अनन्य भक्ता सुश्री महेश देवी ने बाबाजी के श्री चरणों में एक भक्तिपूर्ण भजन गाकर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए । बिलकेश्वर कॉलोनी से आई अनन्य भक्ता माता कृष्णामई ने श्री गुरु चरणों में अपने संस्मरण सभी श्रद्धालुओं के समक्ष प्रस्तुत किए। गरीबदासी परम्परा के परमाध्यक्ष श्री श्री रविदेव शास्त्री जी भगवताचार्य ने महापुरुष की कृपा का वर्णन करते हुए कहा कि गुरु कृपा से सब अनायास संभव हो जाता है। जो भी घटना आपके जीवन में घटती है , उस घटना का कारण शुद्ध अंतःकरण से जानने पर यह ही परिलक्षित होता है कि इन सबके पीछे महापुरुष/गुरु की ही कृपा है ।अतः जीवन में कभी विचलित नहीं होना है,क्योंकि गुरु के समक्ष अपनी पीड़ा को रखने मात्र से विचलन समाप्त हो जाता है । साधक का मार्ग सरल और सहज है, इसमें केवल समर्पण की आवश्यकता होती है। श्री श्री दिनेश दास जी महाराज, परमाध्यक्ष श्री राम निवास आश्रम जी द्वारा गुरु चरणों में अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए एक बहुत ही सुंदर भाव पूर्ण भजन प्रस्तुत कर गुरु महिमा का बखान किया । गुरु के बिना हमारा कोई भी कार्य संभव नहीं होता,अर्थात गुरु के बिना जीवन अंधकारमय है,, अंधकार को दूर करने का कार्य गुरु ही प्रशस्त करते हैं। गुरु का दर्शन मात्र ही तीर्थ का दर्शन है। हम सब भाग्यशाली हैं जो हम ब्रम्हलीन श्री श्री टाट वाले बाबा जी महाराज के श्री चरणों में उनके समाधि स्थल पर उपस्थित होकर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे हैं।। वृन्दावन से आई संत कृष्णा किशोरी ने गुरु चरणों में अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि साधुनाम दर्शनम पुण्यम ।।भगवान का मिलना सरल है लेकिन भगवान से मिलाने वाले दुर्लभ संतों का मिलना ही दुर्लभ होता है और हम सब भाग्यशाली हैं जिन्हें श्री श्री टाट वाले बाबा जी महाराज के दर्शन और उनके श्री चरणों में अपने श्रद्धा सुमन अर्पण करने का सुअवसर प्राप्त हो रहा है। ऋषिकेश से आए अनन्य भक्त स्वामी श्री हरिहरानंद ने श्री गुरु चरणों में अपने श्रद्धा सुमन अर्पण करते हुए बाबाजी के संस्मरण सुनाते हुए कहा कि मैं बाबा को जूते पहना रहा था तो बाबा जी ने कहा कि भक्त तू सारा कार्य नारायण नारायण बोलकर करा कर।। आज उनकी कृपा ऐसी परिलक्षित हो रही है कि नारायण नारायण बोलने की ही आदत बन गई है । टाट वाले बाबा जी महाराज के अनन्य भक्त स्वामी श्री श्री विजयानन्द जी महाराज ने श्री गुरु चरणों में अपने श्रद्धा सुमन अर्पण करते हुए कहा कि गुरु जी का कहा हुआ एक एक शब्द हमे अभिभूत कर रहा है और हम उनकी सूक्ष्म रूप में अनुभूति कर रहे हैं। परम पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री हरि चेतनानंद गिरी महाराज ने कहा कि हमारी जीभ जहां खत्म होती है वहां कंठ कूप प्रारंभ होता है और जो वहां तक पहुंच जाता है तो उसका पुनर्जन्म नहीं होता ,बिना सत्संग से सुधार या संयम नहीं होता अर्थात बगैर गुरु कृपा के यह संभव नहीं होता है ।वेदान्त दर्शन परिभाषा का पहला शब्द है कोहम अर्थात मैं कौन हूं ? सजी हुई थाली किसी भी काम की नहीं होती वह अगले दिन फर्टिलाइजर हो जाती है ,ऐसे ही गुरु वचनों को तत्सम्य आत्मसात करना है।सच्चे संतों का दर्शन अति दुर्लभ है । परम पूज्य आचार्य स्वामी प्रज्ञानंद पुरी जी महाराज ,,साधना सदन ने महापुरुष श्री श्री टाट वाले बाबा जी महाराज के श्री श्री चरणों में अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने ज्ञान का संकोच नहीं करता चाहता । क्योंकि उसे उसका स्वभाव ऐसा नहीं करने देता है । महापुरुष के पास जाकर भी ज्ञान नहीं होता क्योंकि इसके लिए भी जिज्ञासा होना जरूरी है। सच्चे तपस्वी ब्रह्मनिष्ठ संत सद्गुरू श्री श्री टाट वाले बाबा जी महाराज के 35 वें वार्षिक स्मृति समारोह /आयोजित वेदान्त सम्मेलन महोत्सव का आयोजन श्री गुरु चरणानुरागी समिति के तत्वाधान में डॉक्टर सुनील बत्रा शिक्षाविद एवं प्राचार्य द्वारा संचालित किया गया,, उक्त वार्षिक वेदान्त सम्मेलन में बाबाजी के गुलरवाले से आए जगदीश महाराज के सैकड़ों भक्तों के साथ सुश्री महेश देवी, स्वामी रामचंद्र जी, ज्योति जी एवं अन्य तथा संजय कुमार बत्रा , मधु गौर ,,लव गौर , ईश्वर चंद तनेजा , दीपक भारती, विजय शर्मा , रमा वोहरा, सुरेन्द्र बोहरा, रैना,,भावना गौर,,रचना मिश्रा एवं अन्य श्रद्धालुओं ने बाबा जी को अपने श्रद्धा सुमन अर्पण किए । Post Views: 879 Post navigation Breaking.News,नशे के खिलाफ श्यामपुर पुलिस की कार्यवाही,10 लाख की स्मैक के साथ नशा तस्कर दबोचा महिला हिंसा उन्मूलन विधिक जागरूकता से सम्भव: सिमरनजीत कौर