हरिद्वार, 22 जुलाई: संजीव मेहता। FDA की जीरो टोलरेंस नीति के तहत हरिद्वार में दवा कंपनियों की सख्त निगरानी जारी है। अपर आयुक्त ताजबर सिंह के निर्देश पर अब तक कई फार्मा यूनिट्स पर शिकंजा कसा जा चुका है। सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती की अगुवाई में चल रहे इस विशेष अभियान ने अब बड़ी कार्रवाई की है।

पहले सुरक्षा फार्मा पर स्टॉप प्रोडक्शन का आदेश हुआ, फिर THRIPT फार्मा में मामूली खामियां पकड़ी गईं, लेकिन असली धमाका हुआ जब टीम ने US & VG हेल्थकेयर का निरीक्षण किया।

यहां न बोर्ड था, न गेट खुला!
शक गहराया तो पुलिस बुलाकर ताले तुड़वाए गए। अंदर का मंजर चौंकाने वाला था—न केमिस्ट, न गुणवत्ता नियंत्रण, और दवाओं का निर्माण GMP मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए हो रहा था।

ISO और GMP सर्टिफिकेट होने के बावजूद, नियमों को ठेंगा दिखाकर निर्माण किया जा रहा था। मौके पर ही प्रोडक्शन बंद कर दिया गया और सप्लाई पर रोक लगाई गई।

FDA ने दो टूक कहा:
“गुणवत्ता से समझौता नहीं होगा। पकड़े गए तो लाइसेंस रद्द!”

अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि अगली बारी किसकी?
हरिद्वार की फार्मा इंडस्ट्री में भारी हड़कंप है और FDA की टीम अगली छापेमारी की तैयारी में जुटी है।