हरिद्वार,संजीव मेहता।देश दीपावली 2025 की तैयारी में डूबा है। इस बार “मनाई नहीं — मनाई जाएगी”, वो भी ऐसी रौनक के साथ कि आसमान से लेकर धरती तक उजाला बिखर जाएगा। विशेषज्ञों के अनुमान के मुताबिक इस साल भारत में करीब 2.4 अरब पटाखे छोड़े जाएंगे और लगभग 1 करोड़ लीटर तेल दीयों में जलेगा।


🌟 रात आसमान से बातें करेगी

देशभर के महानगरों और कस्बों में आसमान रंगों से नहा जाएगा। दिल्ली, मुंबई, जयपुर, लखनऊ, देहरादून, पटना — हर जगह आतिशबाज़ी की चमक से रातें रौशन होंगी।
क़रीब 20 से 25 हज़ार टन पटाखों के जलने का अनुमान है, जिससे 2 अरब से ज़्यादा धमाके आसमान में गूंजेंगे।


🪔 हर घर में दीप, हर दिल में उम्मीद

देश के लगभग 12 करोड़ घरों में दीपक जलेंगे। औसतन 8–10 दीपक प्रति घर के हिसाब से करीब 9.6 मिलियन लीटर तेल या घी की खपत होगी।
घरों में पारंपरिक सरसों, तिल और घी के दीपक इस बार भी शुभता, समृद्धि और प्रकाश का प्रतीक बनेंगे।

“दीप केवल रोशनी नहीं देते, वे विश्वास की लौ जगाते हैं” — एक श्रद्धालु


🌿 हर रोशनी के साथ जागरूकता की लौ

त्योहार के उल्लास के बीच पर्यावरण की चिंता भी बनी हुई है।
कई राज्यों ने इस बार “ग्रीन क्रैकर्स” के प्रयोग की अपील की है। इनसे प्रदूषण 30–40% तक कम होता है।
दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में विशेष निगरानी टीमें बनाई गई हैं ताकि त्योहार की खुशी, प्रकृति की सेहत पर भारी न पड़े।


🕉️ आस्था और आधुनिकता का संगम

दीपावली केवल रोशनी का नहीं, बल्कि अंधकार पर प्रकाश की विजय का पर्व है।
पूरे देश में घरों की सजावट, लक्ष्मी–गणेश की पूजा, मिठाइयों की खुशबू और पारिवारिक मिलन इस पर्व को उत्सव से बढ़कर एक भावनात्मक अनुभव बना देते हैं।

💥 1️⃣ आतिशबाज़ी (Firecrackers)

🔸 अनुमानित आँकड़ा:

कुल पटाखे: 2.4 अरब (2,400,000,000 pieces)

कुल वजन: लगभग 24,000 टन

औसत बाजार मूल्य:

छोटे पटाखे (फुलझड़ी, अनार, चकरी आदि) ₹5–₹25 प्रति पीस

बड़े पटाखे (रॉकेट, बम, शो पैक) ₹50–₹200 प्रति पीस

औसत कीमत मान लें ₹20 प्रति पटाखा (सभी प्रकारों का मिश्रण)

🔹 कुल लागत:

2.4 अरब × ₹20 = ₹48,000 करोड़ रुपये


🪔 2️⃣ दीपक तेल / घी (Oil for Diyas)

🔸 अनुमानित आँकड़ा:

कुल तेल खपत: 9.6 मिलियन लीटर

यानी = 96 लाख लीटर

प्रकार और औसत दाम:

सरसों का तेल: ₹120 प्रति लीटर

तिल का तेल / घी (प्रतीकात्मक रूप से): ₹180–₹200 प्रति लीटर

औसत मिश्रित दर मान लें ₹150 प्रति लीटर

🔹 कुल लागत:

9.6 मिलियन × ₹150 = ₹1,440 करोड़ रुपये


💰 कुल अनुमानित आर्थिक प्रभाव

श्रेणी मात्रा औसत दर अनुमानित कुल मूल्य

आतिशबाज़ी 2.4 अरब पीस ₹20 प्रति पीस ₹48,000 करोड़
दीपक तेल / घी 9.6 मिलियन लीटर ₹150 प्रति लीटर ₹1,440 करोड़
कुल अनुमानित खर्च — — ≈ ₹49,400 करोड़ रुपये


✨ निष्कर्ष:

🪔 दीपावली 2025 पर भारत में सिर्फ रोशनी ही नहीं,
लगभग ₹50,000 करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था भी घूमेगी —
जिसमें आतिशबाज़ी, तेल, सजावट, मिठाइयाँ, कपड़े और इलेक्ट्रॉनिक्स सबसे बड़ा योगदान देंगे।