हरिद्वार/अल्मोड़ा, संजीव मेहता।वो नब्बे के दशक का अंडरवर्ल्ड डॉन था, आपसी अदावत में वो दाऊद को मारने पाकिस्तान पहुंच गया था. देशभर में कॉन्ट्रैक्ट किलिंग का ठेका उठाता था. रंगदारी.. वसूली..हत्या.. जरायम की दुनिया में उसकी तूती बोलती थी. एक दर्जन से ज्यादा हत्याकांड में उसका सीधा हाथ है. मुंबई से दिल्ली तक इसका वर्चस्व था. वो वियतनाम से मुंबई के अंडरवर्ल्ड को ऑपरेट करता था.

कौन है महामंडलेश्वर ‘डॉन’?

जी हां! उत्तराखंड के अल्मोड़ा से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे सुनकर आप चौंक जाएंगे. अल्मोड़ा जेल में आज श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के साधु संत पहुंचे. अंदर एक अंडरवर्ल्ड डॉन को दीक्षा दी और तो और उसे महामंडलेश्वर का उत्तराधिकारी बना दिया. आखिर कौन है वो डॉन, जो बना ‘महामंडलेश्वर’. चलिए जानते हैं.

अल्मोड़ा जेल से निकले भगवाधारी प्रकाश पांडे से मिलकर लौट गए. निकलते हुए हर हर महादेव के नारे लगाए. प्रकाश पांडे से इन साधु संतों से मुलाकात की वजह भी काफी दिलचस्प है.

दरअसल पीपी को श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा द्वारा दीक्षा दी गई. इतना ही नहीं उन्हें जूना अखाड़ा का उत्तराधिकारी बनाया गया. पीपी को नया दिया गया है प्रकाशानंद गिरी महाराज.

आपको सुनने में ये अजीब जरूर लगेगा लेकिन ये सच है कि अंडरवर्ल्ड डॉन अब श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर के उत्तराधिकारी बन गए हैं. लेकिन सवाल उठता है कि आखिर डॉन ने आस्था का रास्ता कैसे अपना लिया. इस सवाल का जवाब तो पीपी को ही मालूम होगा.. लेकिन इसकी क्राइम कुंडली से भी कुछ बातें समझ में आती हैं.

अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडेय को अल्मोड़ा जेल में जूना अखाड़े की तरफ से दीक्षा दिए जाने और मठाधीश बनाए जाने का मामला विवादों में आ गया है. इस मामले का जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्री महंत हरिगिरि ने संज्ञान लिया. उन्होंने कहा कि उन्हें अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडेय को अल्मोड़ा जेल में दीक्षा दिए जाने का कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने इसे गलत भी ठहराया है और मामले की जांच करने की बात कही है.

श्री महंत हरिगिरि ने साफ किया है कि उन्हें इस मामले की जांच बैठा दी है. जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मामले की जांच के लिए सात वर्तमान और निवर्तमान पदाधिकारियों की एक समिति बना दी गई है, जो अपनी जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट देगी. जांच रिपोर्ट के आधार पर ही प्रकाश पांडेय को संत बनाने वाले संतों पर कार्रवाई की जाएगी.

गौरतलब है कि, उत्तराखंड की अल्मोड़ा जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े ने दीक्षा दी है. इस मौके पर अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे का नया नामकरण भी किया गया. प्रकाश पांडे को नया नाम प्रकाशानंद गिरी दिया गया. इस दौरान जूना अखाड़े के थानापति राजेंद्र गिरि ने बताया कि फिलहाल प्रकाश पांडे को दीक्षा दी गई है. अब आगे की प्रक्रिया प्रयागराज कुंभ 2025 में की जाएगी.

ऐसी है पीपी की क्राइम कुंडली

पीपी के अंडरवर्ल्ड तक पहुंचने की कहानी उत्तराखंड के पहाडों से ही शुरू होती है. नैनीताल के एक छोटे से गांव खनैइया में इसका जन्म हुआ. पिता फौज से रिटायर्ड थे..लेकिन बेटे प्रकाश पांडे को बचपन से ही जुर्म की दुनिया बहुत रंगीन लगती थी.

मायानगरी में छोटा राजन से हुई मुलाकात

पीपी ने बेहद कम उम्र में मायानगरी का रुख किया. नब्बे के दशक में उसकी मुलाकात छोटा राजन से हुई. देखते ही देखते पीपी छोटा राजन का सबसे खास गुर्गा बन गया. जब छोटा राजन और दाऊद की दोस्ती टूटी तो पीपी को दाऊद को ठिकाने लगाने की जिम्मेदारी दी गई. पीपी दाऊद को मारने के लिए पाकिस्तान तक पहुंच गया था.

अंडर वर्ल्ड डान प्रकाश पांडे अब सन्यासी के तौर अपना आगे का जीवन व्यतीत करेंगे। जूना अखाड़ा की ओर से अल्मोड़ा पहुंचे अखाड़ा के थानापतियों ने जिला कारागार में दीक्षा दी गई। दीक्षा देने के साथ ही उन्हें कई मठों का उत्तराधिकारी भी बनाया गया है।  

श्री पंचदसनाम जूना अखाड़ा हरिद्वार ने अल्मोड़ा कारागार मैं बंद प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को गुरु दीक्षा दी गईं और अपने अखाड़े में शामिल किया गया। प्रकाश पांडे को पहाड़ों के विभिन्न जिनमें से मुख्य गंगोत्री भैरव मंदिर गंगोलीहाट के लंबकेश्वर मंदिर महादेव मुनस्यारी में कालिका माता मंदिर, काला मुनि मंदिर का मुख्य महंत बनाया गया। अल्मोड़ा कारागार में पहुंचकर थानापति राजेंद्र गिरि, महंत सुरेंद्र पुरी तथा हिंदूवादी नेता कृष्ण कांडपाल के सानिध्य में प्रकाश पांडे को गुरु दीक्षा दी गई। जिसके बाद से उनका नया नाम प्रकाशानंद रखा गया। उन्होंने कहा कि इसके बाद इनको कुंभ में इनका मुंडन संस्कार किया जाएगा उसके बाद आगे के दायित्वों पर विचार किया जाएगा। 

यह समाचार विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित