हरिद्वार,संजीव मेहता। पतंजलि विश्वविद्यालय में पूर्व स्नातक संगम का आयोजन मनोबल, आत्मबल व आंतरिक सामर्थ्य बनाए रखने का सर्वोत्तम साधन है ‘योग’: आचार्य बालकृष्ण हरिद्वार, 21 सितम्बर। पतंजलि विश्वविद्यालय में ‘पूर्व स्नातक संगम’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें ऑफ लाइन लगभग 450 तथा ऑनलाइन लगभग 120 छात्र- छात्राओं ने भाग लेकर कुलाधिपति स्वामी रामदेव जी महाराज तथा कुलपति आचार्य बालकृष्ण जी महाराज से आशीर्वाद लिया।इस अवसर पर स्वामी जी महाराज ने कहा कि संकल्प में दृढ़ता से भविष्य निर्माण संभव है। विद्यार्थियों को अपने तप को बढ़ाने की आवश्यकता है क्योंकि शिक्षा के उपरान्त आपकी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। व्यक्ति, समाज व देश आपकी शिक्षा से लाभान्वित हों, तभी आपकी शिक्षा सार्थक होती है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पंचकर्म, षट्कर्म, पंचमहाभूत का नया पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की भी योजना है तथा हमारी भावी योजनाओं में देश के लगभग सभी जिलों में पतंजलि वेलनेस केन्द्र स्थापित किया जाना प्रस्तावित है जिसमें पतंजलि के विद्यार्थियों को वरीयता दी जाएगी। इससे लाखों रोजगार का सृजन होगा। भारतीय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से भी भविष्य में लगभग एक लाख योग शिक्षकों की आवश्यकता होगी। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय व वैश्विक बड़े दायित्वों के लिए तैयार रहना है। इस अवसर पर आचार्य जी ने कहा कि शिक्षा उपरान्त वास्तविक परिवेश के साथ आपका सामना हो रहा है। संसार में व्याप्त संघर्षों का सामना हम अपने सामर्थ्य से करते हैं। सच मानें तो हम परिस्थितियों का सामना जितना अपने आत्मबल और मनोबल से कर सकते हैं उतना साधनों से नहीं कर सकते। योग आपके मनोबल, आत्मबल, आंतरिक सामर्थ्य को बनाए रखने का सर्वोत्तम साधन है। इस साधन का आपने आलम्बन लिया है, यह कभी कमजोर न पड़ जाए, क्षीण न हो जाए इसके लिए आपको प्रयासरत रहना है। योग जीवन में वर्तमान रखने की प्रक्रिया है, अतः हमें योग से विमुख नहीं होना है। पंतजलि हर्बल रिसर्च डिविजन की प्रमुख डॉ. वेदप्रिया आर्या ने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित ऑनलाइन पाठ्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थी अपने घर से या कार्यस्थल से स्वयं कला-कौशल का विकास कर सकते हैं।पूर्व स्नातक संगम में उपस्थित केन्द्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के सहायक प्राध्यापक डॉ. कुलदीप सिंह, विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ कार्यरत योग प्रशिक्षक अमित सिंह, संगम विश्वविद्यालय की सहायक प्राध्यापिका शुभांगी शर्मा, महिमा तिवारी, मीनाक्षी सहरावत, स्मिता वर्मा इत्यादि अनेक पुरातन छात्र-छात्राएं देश-विदेश में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति डॉ. महावीर अग्रवाल, डॉ. मयंक अग्रवाल, डॉ. सत्येन्द्र मित्तल, परामर्शदाता डॉ. के.एन.एस. यादव, कुलसचिव डॉ. प्रवीण पुनिया, कुलानुशासक स्वामी आर्षदेव, परीक्षा नियंत्रक डॉ. ए.के. सिंह एवं विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारीगण व प्राध्यापकगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. स्वामी परमार्थदेव ने किया। Post Views: 1,999 Post navigation स्वयं सहायता समूहों को प्रमोट करने के लिए मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे ने दिए टिप्स निकाय चुनाव से पहले हरिद्वार की शिवालिक नगर पालिका में भाजपा की गुटबाजी सामने आई