हरिद्वार, 26 जुलाई 2025,संजीव मेहता। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देशों के बाद, हरिद्वार जिला प्रशासन ने कांवड़ यात्रा की सफलता के बाद बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान शुरू किया। यह केवल सफाई नहीं, बल्कि जनजागरण और सहभागिता का महायज्ञ बन गया।

जिला प्रशासन के नेतृत्व में घाटों से लेकर गलियों तक साफ-सफाई की कमान खुद अधिकारियों ने संभाली। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल, और सीडीओ आकांक्षा कोंडे ने स्वयं घाटों और सीसीआर क्षेत्र में सफाई कर लोगों को प्रेरित किया।

अभियान में एचआरडीए उपाध्यक्ष अंशुल सिंह, डीएफओ वैभव सिंह, एसपी सिटी पंकज गैरोला, और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई।


🔷 13 जोनों में चला समर्पित सफाई अभियान

डीएम मयूर दीक्षित ने जानकारी दी कि पूरे जनपद को 13 ज़ोन में बांटा गया, और हर ज़ोन की निगरानी एक वरिष्ठ अधिकारी को सौंपी गई।
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री के निर्देश केवल आदेश नहीं, एक प्रेरणा हैं। स्वच्छता कोई एक दिन का काम नहीं, यह निरंतरता मांगता है। इसमें समाज की पूरी भागीदारी जरूरी है।”


🔷 गंगा मैया की सेवा — पुण्य कार्य है: एसएसपी डोभाल

एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल ने कहा कि गंगा की सफाई वास्तव में पुण्य और सेवा का कार्य है। उन्होंने कहा,
“मुख्यमंत्री जी की प्रेरणा से यह स्वच्छता अभियान शुरू हुआ और यह रुकने वाला नहीं है। हर नागरिक को इसमें अपना दिन और योगदान निश्चित करना चाहिए।”


🔷 “स्वच्छता — शुरुआत खुद से करें”: आकांक्षा कोंडे

मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे ने कहा कि यदि हर व्यक्ति खुद से सफाई की पहल करे, तो पूरे शहर को स्वच्छ बनाना आसान हो जाएगा।
“यह जिम्मेदारी नहीं, एक संस्कार है — जो मुख्यमंत्री जी की सोच के अनुरूप हरिद्वार को प्रेरित कर रहा है।”


🔷 शानदार सहभागिता, प्रेरक दृश्य

बीजेपी जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, जिला उपाध्यक्ष लव शर्मा, महामंत्री आशु चौधरी, एसडीएम, परियोजना निदेशक, पंचायत एवं विकास अधिकारी, शिक्षण संस्थानों, धार्मिक संगठनों और व्यापार मंडलों के प्रतिनिधि भारी संख्या में अभियान में शामिल हुए।

हर मोहल्ला, हर घाट, हर गली – कहीं झाड़ू, कहीं जनजागरण, कहीं प्रेरणा भाषण, इस स्वच्छता अभियान को जनांदोलन की शक्ल दे रहे थे।


✅ निष्कर्ष

मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर हरिद्वार ने एक बार फिर दिखा दिया — यदि नेतृत्व स्पष्ट हो और समाज तैयार, तो स्वच्छता केवल एक मिशन नहीं, जनभावना बन जाती है।