ऋषिकेश, संजीव मेहता।लोकसभा में विपक्ष के नेता श्री राहुल गांधी के खिलाफ एक टीवी बहस के दौरान भाजपा के कथित प्रवक्ता श्री प्रिंटू महादेव द्वारा दिए गए एक कथित जान से मारने की धमकी के दावों ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। इस बात की जानकारी टीवी डिबेट के दौरान बोले गए कथन के हवाले से दी जा रही है, जिसमें आरोप है कि “राहुल गांधी के सीने में गोली मार दी जाएगी।”इस संबंध में ऑल इंडिया कांग्रेस किसान विंग के नेता ध्रुव कुमार शौंकी ने अमित शाह को पत्र लिखा है

स्थिति के प्रमुख बिंदु —

आरोप: बहस के दौरान एक पार्टी प्रवक्ता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से जान से मारने की धमकी देने का दावा किया गया है।

सुरक्षा चिंता: इस कथित बयान के बाद कांग्रेस और सुरक्षा विशेषज्ञ इस बात पर गंभीर चिंता जता रहे हैं कि सार्वजनिक तौर पर दिए गए इस तरह के बयानों से राजनीतिक हिंसा के जोखिम बढ़ते हैं।

सियासी आरोप-प्रत्यारोप: कांग्रेस ने इसे न केवल व्यक्तिगत खतरे बल्कि लोकतंत्र और जन सुरक्षा के प्रति एक बड़ी चुनौती बताया है; वहीं सत्तारूढ़ दल से स्पष्ट प्रतिक्रिया की माँग उठी है।

परीक्षण हेतु कानूनी रास्ता: विपक्ष और नागरिक समाज ने मामले की स्वतंत्र, शीघ्र और पारदर्शी जांच की मांग की है ताकि किसी भी तरह की हिंसा की ओर उकसाने वाली भाषा की जिम्मेदारी तय की जा सके।

प्रभाव और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
विधायक और वरिष्ठ नेताओं ने इस प्रकार के बयानों को बेहद निंदनीय बताया है और कहा जा रहा है कि ऐसी भाषा न केवल अपराध के दायरे में आ सकती है बल्कि यह सार्वजनिक व्यवस्था और संवैधानिक सुरक्षा आश्वासन को भी कमजोर करती है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने सुरक्षित वातावरण और पक्ष-विपक्ष सुरक्षा सुनिश्चित करने की केंद्र और राज्य Governments से तत्काल कदम उठाने की माँग की है। नागरिक अधिकार समूह भी टिप्पणी कर चुके हैं कि राजनीतिक वक्तव्य की सीमा तय करने और हिंसा-उकसावे की निगरानी आवश्यक है।

कथित लीक और सुरक्षा चिन्ता
आपके द्वारा उठाए गए यह भी सवाल कि सुरक्षा से जुड़े पत्र किस प्रकार लीक हुए और क्या इससे किसी की जान को वास्तविक खतरा है, यह जांच के दायरे में हैं। पिछले कुछ समय में सोशल मीडिया पर भी नेताओं के खिलाफ अत्यंत आक्रामक और हिंसक संदेशों की घटनाएँ रिपोर्ट हुई हैं — ऐसे में किसी भी प्रत्यक्ष धमकी को हल्के में नहीं लिया जा सकता।