एस.एम.जे.एन. महाविद्यालय में उत्तराखंड राज्य महोत्सव का शुभारंभ, रंगोली प्रतियोगिता में झलकी लोक संस्कृति की छटा हरिद्वार, 3 नवंबर। संजीव मेहता। उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती के उपलक्ष में एस.एम.जे.एन. महाविद्यालय में उत्तराखंड राज्य महोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की पाक्षिक श्रृंखला की प्रथम कड़ी के रूप में आयोजित रंगोली प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने उत्तराखंड की लोक संस्कृति, भौगोलिक विविधता और पारंपरिक जीवनशैली को रंगों के माध्यम से सजीव रूप दिया। प्रतियोगिता में बी.ए. प्रथम सेमेस्टर की छात्राएं तृप्ति और कनिष्का प्रथम स्थान पर रहीं। द्वितीय स्थान मालती, शिखा, काजल चौहान और गुंजन को संयुक्त रूप से प्राप्त हुआ। वहीं तान्या, अनुष्का, निक्की, सिमरन, दिव्यांशु और अदिति की टीम को तृतीय पुरस्कार मिला। ईगास बग्वाल की रंगीन झलक पेश करने वाली निहारिका, टिया, मोनिका कोठियाल और जानवी कपूर की टीम को विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया। छात्र-छात्राओं ने अपने कलात्मक प्रदर्शन के माध्यम से उत्तराखंड के पर्व-त्योहार, वनों, जैव विविधता, तीर्थ यात्रा परंपरा और लोकजीवन की अनूठी छवि प्रस्तुत की। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. सुनील कुमार बत्रा ने कहा — “उत्तराखंड के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है कि हम अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेजकर रखें और आने वाली पीढ़ियों तक इसका संदेश पहुंचाएं। उत्तराखंड देश की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं का जीवंत प्रतीक है।” उन्होंने बद्री-केदार यात्रा, नंदा देवी राजजात, ईगास बग्वाल तथा वनीकरण अभियान जैसे सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलुओं के संरक्षण के लिए युवाओं से अपील की। अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय कुमार माहेश्वरी ने कहा कि विद्यार्थियों का उत्साह इस बात का प्रमाण है कि वे न केवल उत्तराखंड की संस्कृति को समझते हैं बल्कि उसे सहेजने की क्षमता भी रखते हैं। कार्यक्रम में निर्णायक के रूप में डॉ. मीनाक्षी शर्मा, डॉ. पल्लवी शर्मा एवं दीपिका आनंद उपस्थित रहीं, जबकि संयोजन का दायित्व डॉ. पूर्णिमा सुंदरियाल, डॉ. मोना शर्मा और श्रीमती रिचा मिनोचा ने निभाया। सहसंयोजक डॉ. अमित मल्होत्रा और गौरव बंसल रहे। रंगोली प्रतियोगिता की मुख्य थीम में एपन आर्ट, ईगास बग्वाल, लोकसंस्कृति, नंदा देवी राजजात, फूलदेई आदि शामिल रहे — जो उत्तराखंड की अस्मिता और परंपरा का जीवंत प्रतीक बने। 🕉️✨ “रंगों में झलकी संस्कृति, और संस्कृति में झलका उत्तराखंड का गर्व।” Post Views: 450 Post navigation कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व पर हरिद्वार शहर का यातायात प्लान कार्तिक पूर्णिमा मेले के दृष्टिगत,हरीकीपैडी क्षेत्र में 25 भिक्षुकों के विरुद्द भिक्षुक अधिनियम में मुकदमे दर्ज