देहरादून, संजीव मेहता।उत्तराखंड के 70 विभागों की सरकारी वेबसाइट साइबर खतरे की जद में हैं। सिक्योरिटी ऑडिट में यह खतरा सामने आया है। ये वेबसाइट पांच से दस साल पुरानी है, जिन पर सुरक्षा के उपाय भी नहीं हैं। प्रदेश की सभी सरकारी वेबसाइट का हर साल सिक्योरिटी ऑडिट होता है। ये देखा जाता है कि विभागीय वेबसाइट साइबर खतरों के प्रति कितनी मजबूत है। उसको बनाने के दौरान जो लैंग्वेज इस्तेमाल की गई थी, वह आज के दौर में कितनी सुरक्षित व व्यावहारिक है। आईटी विभाग ने जब सरकारी वेबसाइटों का सिक्योरिटी ऑडिट किया तो पता चला कि 70 सरकारी वेबसाइट ऐसी हैं, जो कि आज के साइबर खतरों और तकनीकी जरूरतों के हिसाब से फिट नहीं हैं। इनमें एक ओर जहां हैकिंग या वायरस का खतरा है तो वहीं ये अब यूजर फ्रेंडली भी नहीं हैं। लिहाजा, इन सभी विभागों की वेबसाइट अब नई बनाई जाएंगी, जो कि फुल सिक्योर होंगी। सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) जल्द ही की इसकी शुरुआत करने जा रहा है। वेबसाइट बना दी, सुध लेने वाला कोई नहींकई विभागों के हाल तो ऐसे हैं कि वेबसाइट बनवा दी लेकिन उसकी कोई सुध लेने वाला नहीं है। तमाम विभागों की वेबसाइट पिछले कई सालों से अपडेट ही नहीं हुईं। विभागों के स्तर पर न तो पब्लिक के लिए उन वेबसाइट पर कोई नई सूचना दी जा रही है और न ही कोई अलग सुविधा। लेकिन नई वेबसाइट बनने के बाद विभागों के लिए इनका अपडेशन भी मजबूरी बन जाएगा। ये होता है सुरक्षा ऑडिट वेबसाइटसुरक्षा ऑडिट फाइलों, वेबसाइट कोर, प्लग इन्स और सर्वर की जांच करने की एक प्रक्रिया है ताकि खामियों और संभावित कमजोरियों की पहचान की जा सके। सुरक्षा ऑडिट में गतिशील कोड विश्लेषण के साथ-साथ प्रवेश और परीक्षण भी शामिल है। सिक्योरिटी ऑडिट में करीब 70 वेबसाइट मानकों के हिसाब से सुरक्षित नहीं पाई गई हैं। इन विभागों की अब नई वेबसाइट बनाने का काम किया जाएगा। इसके लिए एनआईसी की मदद लेने पर भी विचार चल रहा है।-नितिका खंडेलवाल निदेशक, आईटीडीए Post Views: 1,468 Post navigation दरोगा पिटता रहा और टीम देखती रही, पीड़ित ने साझा की पीड़ा देखिए वीडियोसोशल मीडिया पर भी चर्चित हैं बॉयफ्रेंड संग पकड़ी गईं महिला इंस्पेक्टर