संजीव मेहता।ससी और पुनु की कहानी (Sassi Punnu Ki Kahani)
यह कहानी सिंध (अब पाकिस्तान में) की चार प्रसिद्ध प्रेम कथाओं में से एक है, जो “ससी-पुन्नू”, “हीर-रांझा”, “सोहनी-महिवाल” और “मूमल-राणो” जैसी लोककथाओं का हिस्सा है। यह एक अमर प्रेम गाथा है जो प्रेम, बलिदान और किस्मत की अद्भुत मिसाल है।


🌸 कहानी का सारांश:

ससी (Sassi) एक राजा की बेटी थी, लेकिन ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी की थी कि यह कन्या परिवार की इज्जत को नष्ट करेगी। राजा ने डरकर नवजात बच्ची को एक संदूक में रखकर दरिया में बहा दिया। वह संदूक एक धोबी को मिला, जिसने उस बच्ची को अपनी बेटी की तरह पाला।

ससी बड़ी होकर अनुपम सुंदरता की मिसाल बन गई। उसकी सुंदरता के किस्से दूर-दूर तक फैले। एक दिन उसे पुन्नू (Punnu) नाम के राजकुमार की तस्वीर देखी और वो उससे प्रेम कर बैठी। पुन्नू बलोचिस्तान का राजकुमार था। जब पुन्नू को ससी की सुंदरता और प्रेम का समाचार मिला, वह उससे मिलने सिंध आ गया।


💞 प्रेम और विवाह:

दोनों एक-दूसरे से मिले और प्रेम में डूब गए। सासी के पालक-पिता की अनुमति से उन्होंने विवाह कर लिया। लेकिन पुन्नू के भाई इस विवाह से खुश नहीं थे। वे पुन्नू को धोखे से अपने साथ बलोचिस्तान ले गए।


🏜️ ससी की खोज:

सासी जब उठी तो पुन्नू को अपने पास न पाकर पागल हो गई। वह रेगिस्तान में नंगे पैर पुन्नू की तलाश में निकल पड़ी। धूप, प्यास और थकावट से वह बेहोश होकर गिर पड़ी।

कहा जाता है कि एक दरिंदे ने उसे परेशान करने की कोशिश की, लेकिन धरती ने उसका सम्मान बचाने के लिए उसे अपने अंदर समा लिया।


⚰️ पुन्नू की त्रासदी:

जब पुन्नू को होश आया और वह सिंध वापस लौटा, तो उसने ससी को खोजा। उसे जब सासी के धरती में समा जाने का पता चला, तो वह भी उसके पास जाने के लिए वहीँ बैठ गया और अंततः उसकी भी मृत्यु हो गई।

प्रेम में त्याग और समर्पण जरूरी है

ससी ने अपने प्रेमी की खोज में रेगिस्तान पार किया, जबकि पुन्नू ने अपने प्राण गँवा दिए – सच्चा प्रेम सिर्फ पाना नहीं, निभाना होता है।