देहरादून: संजीव मेहता।उत्तराखंड की राजनीति में इतिहास रचते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लगातार चार साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। राज्य गठन के बाद एन.डी. तिवारी के बाद वो दूसरे ऐसे सीएम बने हैं, जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है।

🔷 नेतृत्व का सफर:

धामी को जुलाई 2021 में पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ मिली। शुरुआती दिनों में चुनाव हारने के बाद भी पार्टी ने उन पर भरोसा जताया और 2022 में उन्हें फिर सीएम बनाया गया। तब से आज तक धामी हाईकमान की उम्मीदों पर खरे उतरते आ रहे हैं।

🔷 देशभर में चर्चा में रहे ये फैसले:

UCC लागू कर उत्तराखंड को राष्ट्रीय चर्चा में लाया

नकल विरोधी कानून से भर्ती घोटालों पर लगाम

महिला सशक्तिकरण योजनाएं: लखपति दीदी, ड्रोन दीदी, 30% आरक्षण

अतिक्रमण विरोधी अभियान: 6500 एकड़ जमीन मुक्त

कृषि सुधार: सेब, कीवी, पोल्ट्री पर सब्सिडी

सामाजिक कल्याण: वृद्धावस्था पेंशन, आंगनबाड़ी वेतन वृद्धि

🔷 चुनौतियां भी कम नहीं रहीं:

2022 में चुनाव हार, लेकिन चंपावत से वापसी

प्रशासनिक अनुभव की कमी को लेकर आलोचना

बेरोजगारी व पलायन बड़ी समस्या बनी रही

राज्य पर बढ़ता कर्ज भी सरकार के लिए चुनौती

🔷 इतिहास में जगह:

राज्य गठन के 25 वर्षों में सिर्फ एन.डी. तिवारी और अब पुष्कर सिंह धामी ही ऐसे मुख्यमंत्री रहे हैं जिन्होंने लगातार लंबा कार्यकाल दिया है। इससे पहले लगभग सभी मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल अधूरा रहा।


✅ पुष्कर सिंह धामी की 4 साल की यह यात्रा कई उपलब्धियों के साथ अब 2027 के मिशन की ओर बढ़ रही है