नई दिल्ली,वॉइस ऑफ इंडिया। भर में कोरोना के सब-वैरिएंट JN.1 के 21 मामले सामने आए हैं। इनमें से 19 की गोवा में पहचान की गई है, जबकि एक-एक की केरल और महाराष्ट्र में की हैं। इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इनसाकॉग) के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। इनसाकॉग स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत स्थापित मंच है जो कोविड-19 की जीनोम सिक्वेंसिंग और वायरस की भिन्नता का अध्ययन व निगरानी करता है। इसे दिसंबर 2020 में गठित किया गया था। उत्तराखंड शासन ने सभी अस्पतालों को कोविड बचाव संबंधी तैयारियां पुख्ता करने के भी निर्देश दिए हैं। सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिक, प्रदेश सरकार कोविड-19 के नए वेरिएंट जेएन-1 को लेकर सतर्क हो गई है। उन्होंने कई राज्यों में मामले आने के बाद उत्तराखंड में भी सभी जिलों व अस्पतालों के लिए ये एडवाइजरी जारी की है। ब्रेकिंग न्यूज़:क्या मल्लिकार्जुन खरगे होंगे इंडिया गठबंधन के PM उम्मीदवार एडवाइजरी में ये भी कहा गया कि संदिग्ध मरीजों की पहले एंटीजन फिर आरटीपीसीआर जांच कराई जाए। इसमें पॉजिटिव आने वाले मरीजों की जीनोम सिक्वेंसिंग जरूर कराएं, ताकि कोविड के वेरिएंट की जानकारी मिल सके। केंद्र ने सतर्कता बरतने को कहाकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सब-वैरिएंट JN.1 का पता लगने के बीच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सतर्कता बरतने को कहा है। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को देशभर में स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कोरोनो वायरस के उभरते सब-वैरिएंट को लेकर सतर्क रहने पर जोर दिया। डब्ल्यूएचओ ने JN.1 पर क्या कहाविश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने JN.1 के तेजी से बढ़ते प्रसार को देखते हुए इसे एक अलग वैरिएंट के रूप में वर्गीकृत किया है। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य निकाय ने कहा है कि यह वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए ‘कम’ खतरा पैदा करता है। Post Views: 216 Post navigation Breaking news पतंजलि आयुर्वेद हॉस्पिटल आयुर्वेद व मॉर्डन मैडिकल साइंस के साथ एकीकृत रूप से कार्य करने की संभावना पर क्या कहा बाबा रामदेव ने Whiskey की पूरी कहानी… जानें बोतल तक पहुंचने से पहले किन प्रक्रियाओं से होकर गुजरती है व्हिस्की