संजीव मेहता। नई दिल्ली: देश की 543 लोकसभा सीटों पर चुनाव होने वाले हैं। 7 चरणों में होने वाले चुनाव के लिए सभी पार्टियां एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। जहां नरेंद्र मोदी ने इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए 370 सीटों का और एनडीए के लिए 400 पार का लक्ष्य रखा है। वहीं कांग्रेस गठबंधन के कई नेताओं का कहना है कि केंद्र में बीजेपी की सत्ता जाती हुई दिख रही है। चुनाव माहौल के बीच केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच बयानों की तीरंदाजी भी देखने को मिल रही है। हर कोई अपने तरकश से तीर निकालकर जीत का निशाना साध रहा है। हालांकि इस लोकसभा चुनाव में किसके सिर पर जीत का सेहरा सजेगा ये तो 4 जून को ही पता चल पाएगा। हालांकि उससे पहले विपक्ष एकजुट होकर चुनाव में मोदीफोबिया,व विपक्षी नेता पर कारवाई का नैरेटिव सेट करने में लगा है।
लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दल एकजुट होकर बीजेपी को सत्ता से हटाना चाह रहे हैं। इसके लिए विपक्षी दलों के नेताओं ने केंद्र सरकार तानाशाह तक करार दिया है। पिछले महीने जब अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया तो आप के कई नेताओं ने इसे केंद्र सरकार की तानाशाही बता दिया था। आप ही नहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर कहा था कि डरा हुआ तानाशाह एक मरा हुआ लोकतंत्र बनाना चाहता है। वहीं जेल से जमानत पर बाहर आने पर आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि आप का एक एक कार्यकर्ता संघर्ष के लिए तैयार है। हम मिलकर संघर्ष करेंगे और तानाशाही हुकूमत को हटाएंगे। विपक्ष बार- बार केंद्र सरकार पर तानाशाही शब्दभेदी बाण चला रहा है। हालांकि विपक्षी नेताओं के इन सभी बयानों पर हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जिन्होंने आपातकाल के माध्यम से तानाशाही थोपी, वे हम पर तानाशाही होने का आरोप लगाते हैं।
विपक्षी नेता आरक्षण को लेकर भी केंद्र सरकार पर काफी लंबे वक्त हमला कर रहे हैं। हाल ही में संजय सिंह ने दावा किया कि बीजेपी के नेता दो-तिहाई बहुमत मांग रहे हैं ताकि वे संविधान बदल सकें। संजय सिंह ने यह भी दावा किया कि बीजेपी सत्ता में आते आरक्षण खत्म कर देगी। विपक्षी नेताओं के दावों के उलट बीजेपी का कहना है कि आदिवासियों, दलितों व पिछड़े वर्गों का आरक्षण न तो खत्म करेंगे न ही होने देंगे।वही प्रधानमंत्री मोदी व भाजपा की टीम विपक्षी नेताओं को भ्रष्टाचार व परिवारवाद को मुद्दा बना कर प्रहार कर रहे है । वही दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन के द्वारा महंगाई,बेरोजगारी ,बदलाखोरी,चुनावी चंदे में भ्रष्टाचार,।मेन मीडिया द्वारा एक तरफ़ा कवरेज को मुद्दा बनाया जा रहा है, जो काफी हद तक विपक्ष सरकार को घेरने में कारगर साबित हो रहा है । केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर विपक्ष खासकर आम आदमी पार्टी के नेता भाजपा पर प्रहार कर रहे है।