हरिद्वार/देहरादून:उधमसिंह नगर, संजीव मेहता।राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने से हुए बच्चों के मौत का मामला देश भर में चर्चाओं का विषय बना हुआ है. इसी क्रम में उत्तराखंड राज्य में भी एफडीए की ओर से ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है. ताकि राज्य में अवैध, असुरक्षित और निम्न गुणवत्ता वाली कफ सिरप दवाओं पर लगाम लगाया जा सके. प्रदेश भर में चल रही छापेमारी के दौरान अभी तक 170 सिरप के सैंपल लिए गए है. साथ ही देहरादून में सात मेडिकल स्टोर के लाइसेंस भी निरस्त किए गए हैं।. क्योंकि, इन मेडिकल स्टोर में बड़ी मात्रा में सर्दी जुकाम की दवाइयां स्टोर की गई थी.

हरिद्वार में अभियान जारी: इसी क्रम में हरिद्वार जिले में भी औषधि विभाग ने अभियान को और तेज किया है. अपर आयुक्त के निर्देशों पर रुड़की के एयरन हॉस्पिटल, विनय विशाल हॉस्पिटल और हरिद्वार के मेट्रो हॉस्पिटल से कुल 15 कफ सिरप के नमूने परीक्षण के लिए गए हैं.

दरअसल, एफडीए की टीम ने बुधवार को देहरादून में बड़े स्तर पर छापेमारी की. औषधि निरीक्षक मानेंद्र सिंह राणा के नेतृत्व में टीम ने चकराता रोड, किशननगर चौक, बल्लूपुर चौक, कांवली रोड, बल्लीपुर चौक और प्रेमनगर क्षेत्रों में मेडिकल स्टोरों का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान बच्चों को दी जाने वाली खांसी और सर्दी-जुकाम की दवाओं के क्रय-विक्रय पर तत्काल रोक लगाई गई, जिन दुकानों में यह दवाएं भंडारित थीं, उन्हें मौके पर सील कर दिया गया.

कफ सिरफ की ब्रिकी पर रोक: विक्रेताओं को निर्देश दिए गए कि इन औषधियों का विक्रय अगली सूचना तक न करें. निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि कई विक्रेताओं ने खुद संज्ञान लेकर इन दवाओं को पहले ही दुकान से हटा दिया था. टीम ने मौके पर 11 सिरप के नमूने जांच के लिए लिए. जांच में Coldrif, Respifresh-TR और Relife जैसे सिरप किसी भी मेडिकल स्टोर में उपलब्ध नहीं पाए गए.

उधमसिंह नगर जिले में भी सैंपल लिए गए: प्रदेश में बच्चों के लिए बनाए गए खांसी के सिरप पर कार्रवाई के तहत उधमसिंह नगर जिले में औषधि विभाग की टीम ने अभियान तेज कर दिया है. वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार और औषधि निरीक्षक निधि शर्मा के नेतृत्व में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से कुल 10 पेडियाट्रिक कफ सिरप के सैंपल जांच के लिए गए हैं. इन सिरप में Dextromethorphan Hydrobromide, Chlorpheniramine Maleate और Phenylepherine Hydrochloride जैसे तत्व पाए गए हैं. अब तक जिले से कुल 40 कफ सिरप के सैंपल लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे जा चुके हैं.

जानिए किस जिले से कितने सैंपल लिए गए: औषधि निरीक्षक अनीता भारती के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई के दौरान संबंधित प्रतिष्ठानों से लिए गए सैंपल को जांच के लिए भेज दिया गया है. विभागीय आंकड़ों के अनुसार हरिद्वार जिले से अब तक कुल 39 नमूने जांच के लिए लिया गया है.

साथ ही नैनीताल जिले के हल्द्वानी में भी एफडीए की कार्रवाई जारी रही है. शोबन सिंह जीना बेस हॉस्पिटल की ड्रग स्टोर से तीन कफ सिरप के नमूने लिए गए. सभी नमूनों को गुणवत्ता परीक्षण के लिए औषधि विश्लेषणशाला देहरादून भेजा गया है.

पौड़ी जिले के कोटद्वार में एफडीए टीम ने कल रात से छापेमारी अभियान चलाया, जो आज भी जारी रहा. कार्रवाई के दौरान जानलेवा घोषित Respifresh TR कफ सिरप का स्टॉक कई मेडिकल स्टोरों से सीज किया गया. आज भी टीम ने विभिन्न प्रतिष्ठानों से तीन नए नमूने परीक्षण के लिए लिए हैं.

अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया और चांदीखेत में आज एफडीए की टीम ने छह मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की. निरीक्षण के दौरान Respifresh TR सिरप (Batch No. R01GL2523) की 12 बोतलें जब्त की गईं. यह सिरप पहले ही एनएसक्यू (Non-Suitable Quality) घोषित किया जा चुका है. टीम ने चार कफ सिरप के नमूने जांच हेतु एकत्र किए. रुद्रप्रयाग जिले के तिलवाड़ा क्षेत्र में औषधि निरीक्षकों की टीम ने रिटेल और थोक प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कर चार नमूने कफ सिरप के लिए संकलित किए. दवाओं की गुणवत्ता जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

उत्तरकाशी में औषधि निरीक्षक मोहम्मद ताजिम के नेतृत्व में छापेमारी की गई. टीम ने बच्चों में प्रयुक्त चार प्रकार के कफ सिरपों के नमूने लिए और देहरादून की प्रयोगशाला को भेजे. औषधि निरीक्षक ने सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को चेतावनी दी कि Dextromethorphan Hydrobromide Syrup (KL-25/148), Coldrif (SR-13), Respifresh TR (R01GL2523) और Relife (LSL25160) सिरप किसी भी हालत में न रखें और न बेचें.

साथ ही निर्देश दिए गए कि 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप बिल्कुल न दिया जाए और वयस्कों को भी केवल डॉक्टर की सलाह पर ही दवाएं दी जाएं. प्रदेश भर में जारी छापेमारी के दौरान अब तक 148 नमूने जांच के लिए भेजे गये.

इसके साथ ही आज देहरादून में 11, कोटद्वार में 3, हल्द्वानी में 3, अल्मोड़ा में 4, रुद्रप्रयाग में 4 और उत्तरकाशी में 4 सैंपल लिए गए हैं. अभियान के दौरान दर्जनों दुकानों को नोटिस जारी किया गया है और कई स्थानों पर संदिग्ध स्टॉक जब्त कर सीलिंग की कार्रवाई की गई है.

स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा राज्यभर में एफडीए की टीमें सक्रिय हैं. जिन सिरपों को जांच के लिए भेजा गया है, उनकी रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. सभी जिलों में मेडिकल स्टोरों को निर्देश दिए गए हैं कि संदिग्ध बैच नंबर की औषधियां तुरंत हटाई जाएं.