देहरादून संजीव मेहता।खेती किसानी में पिछड़ते और पलायन की मार झेलते उत्तराखंड के दो जिलों को केंद्र की योजना संजीवनी देने जा रही है. दरअसल प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत राज्य के अल्मोड़ा और चमोली जिलों को चिन्हित किया गया है. इसके चलते ना केवल खेती की मौजूदा स्थिति को लेकर इन जिलों का सर्वे किया जाएगा, बल्कि यहां पर किसानी की संभावनाओं को बढ़ाने की दिशा में भी काम होगा. खास बात यह है कि इसके लिए केंद्र ने उत्तराखंड कैडर के ही दो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर मौजूद अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित किया है.

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के लिए चुने गए दो जिले: उत्तराखंड के चमोली और अल्मोड़ा जिलों में खेती को लेकर अपनी तरह की अलग चुनौतियां हैं. यहां किसानों के सामने कम उत्पादक भूमि, सिंचाई की समस्या, बिखरे खेत, बंदरों और सुअरों का उत्पात समेत ऐसी कई परेशानियां हैं, जिनके चलते अच्छी फसल पाना मुश्किल होता है. शायद इन्हीं बातों को समझते हुए मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना के लिए देश के तमाम जिलों में उत्तराखंड के दो जिलों चमोली और अल्मोड़ा को भी चिन्हित किया है.

कृषि की उत्पादकता बढ़ाने का प्रयास: देशभर के 100 आकांक्षी कृषि जिलों की सूची में इन जिलों को शामिल करते हुए यहां कृषि की उत्पादकता बढ़ाने का प्रयास किया जाना है. जिसके लिए दो सीनियर आईएएस अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है. खास बात यह है कि उत्तराखंड कैडर के ही दो अधिकारियों को इन अलग-अलग जिलों के नोडल के रूप में चयनित किया गया है. हाल ही में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गई राधिका झा और काफी समय से प्रतिनियुक्ति के तहत केंद्र में सेवाएं दे रहे आशीष जोशी को नोडल अधिकारी बनाया गया है.