संजीव मेहता। मकर संक्रांति हिन्दुओं का प्रमुख पर्व होता है. पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, तब ये पर्व मनाया जाता है. इस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाया जाएगा. मकर संक्रांति से ही ऋतु परिवर्तन भी होने लगता है. इस दिन स्नान और दान-पुण्य जैसे कार्यों का विशेष महत्व माना जाता है. मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी बनाने और खाने का खास महत्व होता है. इसी कारण इस पर्व को कई जगहों पर खिचड़ी का पर्व भी कहा जाता है. 

ऐसी मान्यता है कि इसी त्यौहार पर सूर्य देव अपने पुत्र शनि से मिलने के लिए आते हैं. सूर्य और शनि का सम्बन्ध इस पर्व से होने के कारण यह काफी महत्वपूर्ण हो जाता है. आम तौर पर शुक्र का उदय भी लगभग इसी समय होता है इसलिए यहां से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है.।

उदयातिथि के अनुसार, मकर संक्रांति इस बार 15 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी. इस दिन सूर्य रात 2 बजकर 54 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे.

मकर संक्रांति पुण्यकाल – सुबह 07 बजकर 15 मिनट से शाम 06 बजकर 21 मिनट तक
मकर संक्रांति महा पुण्यकाल -सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजकर 06 मिनट तक

मकर संक्रांति शुभ संयोग

15 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति पर 77 सालों के बाद वरीयान योग और रवि योग का संयोग बन रहा है. इस दिन बुध और मंगल भी एक ही राशि धनु में विराजमान रहेंगे. 

वरीयान योग – 15 जनवरी को यह योग प्रात: 2 बजकर 40 मिनट से लेकर रात 11 बजकर 11 मिनट तक रहेगा 
रवि योग – 15 जनवरी को सुबह 07 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 07 मिनट तक रहेगा 
सोमवार – पांच साल बाद मकर संक्रांति सोमवार के दिन पड़ रही है. ऐसे में सूर्य संग शिव का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा.

मकर संक्रांति पूजन विधि

इस दिन प्रातःकाल स्नान कर लोटे में लाल फूल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें. सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें. श्रीमदभागवद के एक अध्याय का पाठ करें या गीता का पाठ करें. नए अन्न, कम्बल, तिल और घी का दान करें. भोजन में नए अन्न की खिचड़ी बनाएं. भोजन भगवान को समर्पित करके प्रसाद रूप से ग्रहण करें. संध्या काल में अन्न का सेवन न करें. इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को बर्तन समेत तिल का दान करने से शनि से जुड़ी हर पीड़ा से मुक्ति मिलती है.