नई दिल्ली, संजीव मेहता। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दिल्ली की आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने एकजुट होने का फैसला लिया है. ये वर्कर्स सभी पार्टियों के समक्ष अपना मांगपत्र पेश कर चुनाव में अपना एजेंडा तय करेंगी. इस सम्बन्ध में तीन मार्च को दिल्ली के जंतर मंतर पर महिलाकर्मी बड़ी संख्या में जुटेंगी. दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन ने इसे लेकर एक प्रेस रिलीज जारी किया है. इसमें कहा गया है कि इस जुटान में दिल्ली से ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों से भी आंगनवाड़ी कर्मियों की भागीदारी रहेगी. साथ ही देश भर के छात्र-युवा, मज़दूर, कर्मचारी भी अपने मांगपत्र को सौंपने के लिए इकट्ठा होंगे.

यूनियन की मीडिया संयोजक वृशाली ने कहा कि आज देशभर में आंगनवाड़ी वर्कर्स अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं. आंगनवाड़ी कर्मचारियों की सबसे मुख्य मांग कर्मचारी का दर्जा दिये जाने की है. इसके सम्बन्ध में होने वाले पॉलिसी बदलाव का अधिकार केंद्र सरकार के पास ही है. आंगनवाड़ीकर्मियों ने अपनी इस मांग के साथ ही पेंशन, ग्रेच्युटी आदि मसलों को लेकर भी इकट्ठा होने का फैसला लिया है.

दिल्ली सरकार ने मानी थी मांगें: बता दें इससे पहले आंगनवाड़ी कर्मियों ने फरवरी 2022 में दिल्ली सरकार से मानदेय बढ़ाने, ग्रेच्युटी, मातृत्व अवकाश (मेटरनेटी लीव), लंबित वेतन और अन्य मांगों को लेकर लगातार 23 दिन तक दिल्ली के विकास भवन पर बड़ी संख्या में एकत्रित होकर धरना प्रदर्शन किया था. इस दौरान रिंग रोड से विकास भवन की ओर जाने वाला मेटकाफ हाउस रोड की एक लेन करीब एक महीने तक बंद रही थी, जिससे यहां से गुजरने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. साथ ही बड़ी संख्या में महिला और पुरुष पुलिस फोर्स को भी इस धरने को नियंत्रित रखने के लिए तैनात किया गया था. इसके कुछ समय बाद ही दिल्ली सरकार ने आंगनबाड़ी कर्मियों की मानदेय संबंधित मांग को मानते हुए मानदेय बढ़ा दिया था.