Voice of india No 1.Sanjiv Mehta।शिव जी भक्त इस जानकारी को शेयर करे दिन अच्छा रहेगा

कहा जाता है कि नर्मदा नदी की सालों की तपस्या के बाद ब्रह्मा जी प्रसन्न हुए और नर्मदा नदी को वरदान मांगने को कहा।तब ब्रह्माजी ने कहा कि कोई देवता शिव की और कोई पुरुष विष्णु की बराबरी कर ले, कोई नगरी काशी की बराबरी कर ले, तब कोई दूसरी नदी गंगा के समान हो सकती है।

यह सुनकर नर्मदा ने वरदान का त्याग किया

और काशी में जाकर शिवलिंग की स्थापना कर घोर तपस्या करने लगीं।तब शिव जी ने प्रसन्न होकर नर्मदा नदी को दर्शन दिए और वरदान दिया कि तुम्हारे तट पर जितने भी पत्थर हैं, वे शिवलिंग रूप हो जायेंगे ।शिव जी ने नर्मदा नदी से कहा कि गंगा नदी में स्नान से पाप नष्ट हो जाते हैं, पर तुम्हारे दर्शन मात्र से ही सारे पापों का निवारण हो जाएगा ।तभी से नर्मदा का हर कंकर शंकर कहा जाने लगा ।

नर्मदेश्वर शिवलिंग

नर्मदा नदी के पत्थरों को नर्मदेश्वर शिवलिंग कहा जाता है। सभी तरह के शिवलिंग में से नर्मदेश्वर शिवलिंग का विशेष महत्व है।