हरिद्वार,संजीव मेहता,उत्तराखंड लोकसभा चुनाव 2024 में चुनावी बाजी कौन जीतेगा? इसका जवाब जानने के लिए 4 जून का इंतजार करना होगा। लेकिन मतदाताओं को बूथ तक ले जाने की जंग दोनों प्रमुख दल हार गए। भाजपा और कांग्रेस के बूथ प्रबंधन को लेकर चुनाव पूर्व किए दावे मतदान के दिन ध्वस्त होते नजर आए। बूथ प्रबंधन में माहिर माने जाने वाली भाजपा के त्रिदेव मतदाताओं को बूथ तक ले जाने के लिए अपेक्षित कसरत हर जगह नहीं करवा पाए। कांग्रेस के तो कुछ स्थानों पर बस्ते तक नहीं लगे। अब दोनों दल दावा कर रहे हैं कि उनके सारे मतदाता वोट देने पहुंचे थे। भाजपा के प्रभाव वाली कई विधानसभा सीटों पर कम मतदान के आंकड़े इस बात का ऐलान कर रहे हैं कि जमीन पर कसरत कम हुई, हालांकि भाजपा के नेता इस तथ्य को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। पार्टी ने बूथ से लेकर पन्ना स्तर पर अनेक कार्यक्रम किए जाने का दावा किया। इसके केंद्र में प्रत्येक वर्ग के मतदाता से सीधा संपर्क और मतदान के लिए उन्हें बूथ तक लाने की योजना थी। लेकिन कम मतदान से साफ है कि पार्टी का संगठन इस योजना को पूरी तरह धरातल पर नहीं उतार पाया।बस इतना था कि जब बड़े नेता हरिद्वार या दूसरी जगह में रैली करने आए,उनके पीछे उनकी फोटो आ जाए,इसमें कोई कसर बाकी नही छोड़ी।यहाँ तक कि कई विधायको ने तो बस प्रत्याशी को यह पता चल जाए कि हमने तन मन से साथ दिया ओर बैठके करवाई । या तो नेताओ ने यह सोचा कि मोदी जी ने 400 सीटें जीतने बारे कह दिया बस लोगो ने अपने आप वोटें डाल ही देनी है हमे क्यो मेहनत करनी। दूसरी बात पार्टी ने मतदाताओं और लाभार्थियों से संपर्क के लिए कॉल सेंटर बनाए थे। बस इसके जरिए जरूर हर दिन हजारों लोगों को फोन किए जाते रहे। ओर इसी से काम चला लिया । लेकिन सभी मतदाताओं तक पहुंच के लिए कार्यकर्ता घर घर नहीं पहुंच पाए। सिर्फ सेल्फी तक सीमित रहे पन्ना प्रमुख भाजपा ने पार्टी के सभी बड़े नेताओं को पन्ना प्रमुख बनाने हुए मतदाताओं से जोड़ने की योजना बनाई थी। लेकिन अधिकांश बड़े नेता पन्ना प्रमुख बनकर सेल्फी लेने तक ही सीमित रहे। इस वजह से पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं में भी उत्साह की कमी नजर आई। Post Views: 1,238 Post navigation जानिए हरिद्वार में किस बूथ पर कितना हुआ मतदान,ओर उत्तराखंड में कहाँ हुआ चुनाव बहिष्कार किया ज्वालापुर,80 पव्वे अंग्रेजी शराब के साथ 01तस्कर को शराब परिवहन करते मय स्कूटी (जूपिटर TVS) के साथ धर दबोचा।