हरिद्वार, संजीव मेहता। उत्तराखंड भाजपा में संगठनात्मक संतुलन और सियासी रणनीति का अद्भुत संगम देखने को मिला है। पार्टी हाईकमान ने महेंद्र भट्ट को दोबारा प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर यह साफ संकेत दे दिया है कि अब पार्टी का अगला लक्ष्य मिशन 2027 है — और इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व भट्ट की जोड़ी पर दांव खेला गया है।

इस फैसले ने भाजपा की “परफॉर्मेंस और प्रोत्साहन” नीति को भी मजबूती से सामने रखा है — जो काम करेगा, वही सम्मान पाएगा।

🎯 यह ताजपोशी सिर्फ एक नियुक्ति नहीं — कई राजनीतिक संदेश हैं छिपे:

धामी-भट्ट की जुगलबंदी ने पंचायत और निकाय चुनावों में पार्टी को जीत दिलाई — अब इन्हें 2027 तक आगे बढ़ाने की तैयारी।

गढ़वाल-कुमाऊं और जातीय संतुलन — सत्ता और संगठन में संतुलन को बखूबी साधा गया। धामी कुमाऊं से व राजपूत हैं, तो भट्ट गढ़वाल से व ब्राह्मण।

राज्यसभा में सक्रियता और भाजपा के हर स्तर पर पकड़ ने भट्ट को फिर से शीर्ष पर बैठाया।

पार्टी ने दिखाया कि संगठन और सरकार की एकजुटता ही जीत की कुंजी होगी।

📝 नामांकन में दमदार समर्थन

भट्ट के नामांकन में पार्टी के कद्दावर नेता प्रस्तावक बने — अजेय कुमार, रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, नरेश बंसल, माला राज्यलक्ष्मी शाह, सतपाल महाराज से लेकर कई विधायकों तक ने समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर कर ताकत दिखाई।


💥 विशेष संदेश: भाजपा ने 2027 को फतह करने की तैयारी अभी से शुरू कर दी है — और इसकी कमान एक बार फिर उस चेहरे को दी है, जिसने पार्टी को हालिया चुनावों में जीत की लय दिलाई।
अब देखना यह होगा कि पंचायत चुनावों से लेकर मिशन 2027 तक, धामी-भट्ट की जोड़ी किस तरह जीत की हैट्रिक रचती है।