देहरादून: संजीव मेहता।बागेश्वर जिला अस्पताल में 10 जुलाई को डेढ़ साल के शुभांशु जोशी (जांच रिपोर्ट में शिवांग जोशी) को इलाज ना मिल पाने के कारण मौत हो गई थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी बागेश्वर की अध्यक्षता में तीन सदस्य जांच समिति का गठन किया था. जांच समिति ने जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है. लेकिन शासन का मानना है कि समिति ने मामले को गंभीरता से ना लेते हुए सामान्य जांच रिपोर्ट सौंप दी है. जिसके चलते स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने बागेश्वर जिलाधिकारी को पत्र भेज कर इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करने के निर्देश दिए हैं. मामले में स्वास्थ्य सचिव ने बागेश्वर की अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनुपम ह्यांकी, बागेश्वर जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. तपन शर्मा, बागेश्वर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में तैनात वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रमोद सिंह जंगपांगी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. जारी किए गए नोटिस में इस बात का जिक्र किया गया है कि बच्चों की मौत के मामले पर गठित की गई जांच समिति में ये तीनों लोग सदस्य थे, लेकिन जांच रिपोर्ट में तमाम कमियां सामने आए हैं, जिसके चलते कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. डॉक्टर को भी कारण बताओ नोटिस: इसके साथ ही बागेश्वर जिला चिकित्सालय में तैनात बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अंकित कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है. जिस नोटिस में कहा गया है कि बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अंकित कुमार की ओर से बच्चों के उपचार में गंभीरता न दिखाते हुए हल्द्वानी रेफर कर दिया गया. जिसके चलते बच्चे की मौत हो गई. ऐसे कुछ बिंदुओं पर डॉ. अमित कुमार से कारण बताओ नोटिस भेज कर जवाब मांगा गया है. बता दें चमोली चिडंगा गांव निवासी सैनिक दिनेश चंद्र के डेढ़ साल के बेटे शुभांशु जोशी की 10 जुलाई को अचानक तबीयत खराब हो गई थी. उनकी पत्नी और मां, बेटे शुभांशु को लेकर ग्वालदम पहुंचे. जहां अस्पताल में बच्चे को इलाज नहीं मिला. इसके बाद परिजन बच्चे को लेकर बैजनाथ (बागेश्वर) अस्पताल गए. जहां से उन्हें बागेश्वर जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया. परिजन आनन फानन में बच्चे को लेकर बागेश्वर जिला अस्पताल पहुंचे. जहां से शाम 6 बजे बच्चे की हालत को गंभीर बताकर हल्द्वानी रेफर कर दिया गया. इसके बाद परिजनों ने 108 को एंबुलेंस बुलाई, मगर परिजनों को एंबुलेंस समय से नहीं मिली. देरी से मिली एंबुलेंस के बाद हल्द्वानी जाते हुए बच्चे ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया था. 26 जुलाई को फौजी पिता दिनेश ने एक वीडियो जारी कर अपने दुख को साझा किया था. सीएम हुए सख्त: वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बागेश्वर की घटना बहुत ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है. प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर ढंग से संचालित करना सरकार की पहली प्राथमिकता है. इसके बावजूद भी बहुत सारी चुनौतियां हैं. ऐसे में कोई भी अधिकारी कर्मचारी किसी भी विभाग का हो, अगर वह अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही, ढिलाई या संवेदनहीनता करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. ऐसे में इस पूरे मामले की जांच के लिए कहा गया है. और जो भी इसके लिए उत्तरदायी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. Post Views: 1,567 Post navigation प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ई.डब्ल्यू.एस (शहरी) आवासों का लाभ जिन लोगों को दिया गया, उनका पुनः सत्यापन किया जाए,CM धामी हरिद्वार: पतंजलि विश्वविद्यालय में शास्त्रार्थ की गूंज, अब ‘अनामयम्’ सम्मेलन से होगा चिकित्सा नवजागरण