पिथौरागढ़, उत्तराखंड।हर्षिता।सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के एक युवा इंजीनियर ने ऐसा अद्भुत आविष्कार किया है, जिसने तकनीक की दुनिया में नई हलचल मचा दी है।अगर आप सोचें कि “काश मेरी इलेक्ट्रिक स्कूटी जल्द चार्ज हो जाए” — और आपकी सोच के अनुरूप स्कूटी सच में चार्ज होने लगे… तो यह अब कोई कल्पना नहीं, बल्कि हकीकत बन चुकी है! 👨🔬 यह कमाल किया है – इंजीनियरिंग कॉलेज पिथौरागढ़ के असिस्टेंट प्रोफेसर और देश के अग्रणी वैज्ञानिकों में शुमार 40 वर्षीय प्रो. अखिलेश सिंह ने। उन्होंने देश का पहला “न्यूरो स्लाइडिंग मोड कंट्रोलर चार्जर” तैयार किया है — एक ऐसा चार्जिंग सिस्टम जो उपयोगकर्ता की सोच और ज़रूरत के अनुरूप इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरी को चार्ज करेगा। 🚀 क्या है खास इस तकनीक में? 🔹 यह चार्जर पारंपरिक चार्जिंग तकनीकों से कई गुना तेज़ है।🔹 यह उपयोगकर्ता के कमांड रिस्पॉन्स के अनुसार काम करता है।🔹 इससे ऊर्जा की बचत के साथ बैटरी लाइफ भी बढ़ती है।🔹 भविष्य में इसे ई-स्कूटी, ई-कार और अन्य इलेक्ट्रिक वाहनों में लागू किया जा सकेगा। 💬 प्रो. अखिलेश सिंह ने बताया कि यह तकनीक पूरी तरह इंडिजिनसली डेवलप्ड (स्वदेशी) है, और इसका लक्ष्य भारत को ई-मोबिलिटी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। 🌟 पिथौरागढ़ से उठी यह नई वैज्ञानिक लहर अब देशभर के शोध संस्थानों और टेक्नोलॉजी कंपनियों का ध्यान खींच रही है।यह आविष्कार उत्तराखंड के लिए गर्व का विषय है और आने वाले समय में भारत की इलेक्ट्रिक क्रांति को नई दिशा दे सकता है। तीन साल तक कड़ी मेहनत और लगन के बाद प्रो. अखिलेश ने इस डिवाइस को तैयार किया. असिस्टेंट प्रोफेसर अखिलेश की प्रतिभा को देखते हुए भारत सरकार के Uttarakhand State Council for Science And Technology से इस प्रोजेक्ट के लिए 6 लाख 50 हजार आर्थिक सहायता दी थी. आपके सोचते ही चार्ज हो जाएगी बैटरी: असिस्टेंट प्रोफेसर अखिलेश सिंह अब इस तकनीक का पेटेंट अमेरिका से प्राप्त कर इसे देश को समर्पित करेंगे. उन्होंने सीमांत क्षेत्र से नवाचार का संदेश देकर यह साबित किया है कि सतत प्रयास और प्रगतिशील सोच से सब कुछ संभव है. अखिलेश सिंह मूलत: परासी कलां, चन्दौली, वाराणसी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. वो पिछले 13 वर्षों से सीमांत इंजिनियरिंग संस्थान में कार्य कर रहे हैं. पावर में कोई कमी नहीं: असिस्टेंट प्रोफेसर अखिलेश ने जिसका निर्माण किया है करीब 20 किलो वजनी चार्जर स्कूटी से लेकर बस तक हर वाहन की बैटरी को तेजी से चार्ज करने में सक्षम है. इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि चढ़ाई के दौरान या अधिक लोड आने पर भी बैटरी की पावर कम नहीं होती. यह डिवाइस लीथियम और लेड-एसिड जैसी सभी बैटरियों के साथ काम करता है. इस चार्जर की प्रेरणा उन्हें एक मोबाइल रील से मिली. जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आपकी रुचियों को पहचानकर उसी तरह की रील दिखाता है, वैसे ही यह न्यूरो स्लाइडिंग मोड कंट्रोलर आपकी सोच को पढ़कर चार्जिंग करता है. यानी बैटरी आपके माइंड कमांड पर चार्जिंग होगी.-प्रो. अखिलेश सिंह, पिथौरागढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज- वाहनों की बैटरी होगी चार्ज: प्रो. अखिलेश सिंह ने बताया कि ये एआई आधारित न्यूरान रीडिंग तकनीक पर न्यूरो स्लाइडिंग मोड कंट्रोलर तैयार हुआ है. यह कोशिश रंग लाई. इस चार्जर से स्कूटी, कार, बस के साथ हर तरह के वाहन की बैटरी तेजी से चार्ज होगी. 🧩 “विचार से आविष्कार तक की यात्रा यहीं से शुरू होती है!”— प्रो. अखिलेश सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, इंजीनियरिंग कॉलेज पिथौरागढ़ Post Views: 425 Post navigation उत्तराखंड में दशहरे की धूम, श्रीराम के अग्निबाण से जल उठा अहंकारी रावण, सीएम भी पहुंचे