हरिद्वार, संजीव मेहता। साइबर ठगों ने अपराध का ट्रेंड बदल दिया है। डिजिटल युग में वे भी डिजिटल माध्यम से साइबर ठगी कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने उनका सिस्टम बनाया है। वे खौफ दिखाकर ऐसे फंसाते हैं कि आमजन झांसे में आ जाता है और जीवनभर की कमाई एक झटके में ठगों के हवाले कर देता है। हाउस अरेस्ट, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) के जरिये साइबर ठगी के मामलों में वृद्धि हुई है। डिजिल माध्यम से ठगी की धनराशि विदेशों में भेजी जा रही है। जब तक पुलिस ठगों तक पहुंचने का प्रयास करती है तब तक पूरी रकम ठिकाने लग जाती है। जागरूकता के बाद भी कई लोग झांसे में आ रहे हैं। पिछले सालों तक मेट्रोमोनियल साइट के जरिये, बहला-फुसलाकर खाता संख्या व पासवर्ड हासिल करने, बिजली बिल भरने के नाम पर, फेसबुक में फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर ठगी की घटनाएं सामने आती थीं। अब साइबर ठगों ने ट्रेंड बदला है। ठगों ने पीड़ित को जाल में फंसाने के लिए पूरा सेटअप लगाया होता है, जिसमें वह खुद पुलिस की वर्दी में रहते हैं और बैकग्राउंड भी पुलिस अधिकारी के कार्यालय जैसा ही होता है। 1, डिजिटल अरेस्ट स्कैम के शिकार वे लोग ज्यादा हो रहे हैं जो अधिक पढ़े लिखे हैं। डिजिटल अरेस्ट का मतलब यह है कि कोई आपको आनलाइन धमकी देकर वीडियो कालिंग के जरिये आप पर नजर रख रहा है। इस दौरान साइबर ठग पुलिस अधिकारी बनकर धमकी देते हैं और लाखों रुपये अपने खातों में ट्रांसफर कर लेते हैं। 2,आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के जितने फायदे हैं उतने ही दुष्परिणाम भी सामने आने लगे हैं। एआइ तकनीक के जरिये साइबर अपराधी आवाज बदलकर लोगों को अपने जाल में फंसाकर रकम उड़ा रहे हैं। यह आवाज लोगों के रिश्तेदार के जैसी ही होती है लेकिन बात ठग करता है। इसके लिए साइबर ठग एआइ का इस्तेमाल कर रहे हैं। 3,साइबर ठग की तरफ से आप को कॉल आएगी और यह कहा जाएगा कि आपके बैंक खाते में गलती से 2,3,4 व 5000 या इससे ज्यादा भी आ गए है ,ओर इसका आप को टेक्स्ट मेसेज आएगा जो ठगों द्वारा नकली तैयार किया होता है,वह बिल्कुल वैसा होगा जैसा बैंक गूगल पे ,फोन पे व पेटीएम से पैसे आप के खाते में आने का आता है,अगर आपको ऐसे किसी का काल आए तो उसको तुरंत काट दो । 4,या सायबर ठग का फोन आएगा कि मैने आप के पैसे देने है आप के बेटे,पति,पत्नी या किसी और का नाम लिया जाएगा कि उन्होंने पैसे आप के खाते में डाल दो,उसके बाद तुरंत आप को नकली मेसेज आ जाएगा 🖕🖕उसके बाद होगी ठगी । बहाने से आप से OTP मांगेंगे,आप को कभी भी OTP किसी के साथ शेयर नही करना। निवेश के नाम पर ठगी साइबर ठग फोन काल, मैसेज या ई-मेल भेजकर निवेश कर मोटा मुनाफा का झांसा देते हैं। इसके बाद पीड़ित को टेलीग्राम एप से जोड़ते हैं। यहां उनसे निवेश करवाने के नाम पर शुरुआत में थोड़ा लाभ दिखाते हैं। इसके बाद ठगी की शुरुआत होती है और मोटा निवेश कर अधिक मुनाफा कमाने का झांसा देते हैं। ठगों की ओर से एप के माध्यम से खोले खाते में दोगुना मुनाफा दिखता है, लेकिन पीड़ित उसे निकाल नहीं सकता। Post Views: 1,351 Post navigation देखिए वीडियोसोशल मीडिया पर भी चर्चित हैं बॉयफ्रेंड संग पकड़ी गईं महिला इंस्पेक्टर पतंजलि विश्वविद्यालय में शल्य-तंत्र आधारित तीन दिवसीय ‘सुश्रुतकोण’ सम्मेलन का दूसरा दिन