देहरादून, संजीव मेहता। सेना में तैनात महिला नर्स को डिजिटल अरेस्ट बताकर साइबर ठगों ने करीब 15 लाख रुपये की रकम ठग ली। आरोपियों ने नर्स का मोबाइल नंबर बंद कराने और मनी लांड्रिंग से जुड़े मामले में शामिल होने का डर दिखाया।

वीडियो कॉल में पुलिस की जैसी वर्दी में बैठे आरोपियों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच और सीबीआई से जुड़ा बताकर क्लीयरेंस के नाम रकम जमा कराई। रायपुर पुलिस ने सोमवार रात को केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

देहरादून निवासी सेना में नर्स ने पुलिस को बताया कि 17 अगस्त को एक कॉल आई, जिसमें कहा गया कि उसका मोबाइल नंबर डिस्कनेक्ट किया जा रहा है। आरोपियों ने कहा कि उनकी आईडी से जारी दूसरा सिम 15 जुलाई को मुंबई में सक्रिय हुआ, जो अवैध गतिविधियों में संलिप्त है।

महिला को मोबाइल नंबर बंद किए जाने का डर दिखाया। वीडियो कॉल कर डराया कि उनका आधार कार्ड केनरा बैंक के एक खाते में मनी लांड्रिंग के मामले में प्रयोग हुआ है। इसके बाद एक व्यक्ति को सीबीआई अधिकारी बताते हुए बात कराई और नर्स को डिजिटल गिरफ्तार बताया।

महिला के बैंक खाते में जमा रकम क्लीयरेंस के लिए आरबीआई में फ्रीज कराने की बात भी कही। पुलिस ने ठगी के इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।