चारधाम यात्रा जैसे पवित्र सफर को जहरीले कारोबार की चपेट में लाने की साजिश को देहरादून पुलिस ने वक्त रहते बेनकाब कर दिया। सहारनपुर से आ रही नकली पनीर की भारी खेप—पूरे 720 किलो—को जब्त कर लिया गया है। दो आरोपी गिरफ्तार हुए हैं, जबकि तीन मुख्य साजिशकर्ता अभी फरार हैं।

सूचना मिलते ही थाना रायपुर और एसओजी की टीम ने देहरादून के अपर ईश्वर विहार स्थित एक दुकान में छापा मारा। दुकान के बाहर खड़ी पिकअप वैन में रखे सफेद ब्लॉकों की जांच की गई, और जांच में सामने आया—यह पनीर नहीं, एक खतरनाक मिलावट का जहर था! फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने मौके पर परीक्षण कर इसकी पुष्टि की।

गिरफ्तार आरोपियों अब्दुल मन्नान (दुकान स्वामी) और वाहन चालक आरिफ से पूछताछ में एक चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। नकली पनीर जंगलों के बीच एक छुपी हुई फैक्ट्री में तैयार किया जा रहा था—सहारनपुर के बसेबाग के आगे कासमपुर गांव में, पेड़ों के बीच एक प्लॉट में चल रही थी ये अवैध फैक्ट्री।

मुख्य आरोपी मनोज, नरेंद्र चौधरी और शाहरुख इसी फैक्ट्री को पार्टनरशिप में चला रहे थे। मंडलायुक्त खाद्य सुरक्षा विभाग की अगुवाई में जब छापा मारा गया तो 16 क्विंटल नकली पनीर, खतरनाक केमिकल और उपकरण बरामद हुए। फैक्ट्री को तत्काल सील कर दिया गया है।

क्या था मकसद?
जांच में सामने आया कि इस पनीर को चारधाम यात्रा के दौरान होटलों, ढाबों और कैंटीनों में सप्लाई कर दिया जाता, जिससे श्रद्धालुओं की सेहत और जान खतरे में पड़ सकती थी।

अब आगे क्या?
अब्दुल मन्नान और आरिफ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, जबकि मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। पुलिस और खाद्य सुरक्षा विभाग की संयुक्त कार्रवाई ने एक बड़े खाद्य अपराध को नाकाम कर दिया है।

देहरादून से संजीव मेहता वौइस् ऑफ इंडिया