संजीव मेहता।: कफ सिरप में बच्चों की किडनी फेल होने से मौत होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक दोनों राज्यों में 11 बच्चों की मौत हो चुकी है। इनमें अधिकांश में खांसी के सिरप की हिस्ट्री मिली है।  जांच जारी है। पर दोनों राज्यों की सरकारों पर सवाल उठने लगे हैं। मध्य प्रदेश सरकार का कहना है कि मामले की जांच हो रही है। रिपोर्ट आने का इंतजार है। इधर राजस्थान सरकार का बयान तो हैरान करने वाला है। यहां के स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि इस हादसे में सरकार की कोई भूमिका नहीं है। मां ही दोषी हैं। आइए पहले सिलसिले वार मामले को समझते हैं-

क्या है मामला
बता दें कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले और राजस्थान के सीकर-भरतपुर में बच्चों की मौतों ने हड़कंप मचा दिया है। किडनी फेल होने से मासूमों की मौत हो रही है। एमपी में 20 दिनों में अब तक 9 बच्चों की तो राजस्थान में दो बच्चों की मौत हो गई।  परिजनों का कहना है कि बच्चों को पहले बुखार और जुकाम हुआ, फिर किडनी में इंफेक्शन। निजी अस्पतालों में भर्ती कराने के बाद भी हालत बिगड़ती गई। नागपुर में इलाज कराया, लेकिन बच्चों की जान नहीं बची। सभी में मौत का कारण एक ही है, उनकी किडनी का फेल हो जाना। मामले में इलाकों में कई तरह की जांचें की गईं पर सब सामान्य रहा। आरंभिक जांच रिपोर्ट में दूषित कप सीरप से बच्चों की किडनियां फेल होने से मौतें हुई हैं। संबंधित कप सिरप को प्रतिबंधित कर दिया गया है। मामले में आगे जांच जारी है। राजस्थान में भी आरएमएससीएल ने संबंधित दवा के वितरण एवं उपयोग पर रोक लगा दी थी और जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन भी कर दिया था।

छिंदवाड़ा जिले में पिछले 20 दिनों में 9 बच्चों की किडनी फेल होने से मौत हो गई। इनमें से छह बच्चों के इलाज में Coldrif और Nextro-DS नामक कफ सिरप की हिस्ट्री सामने आई है। आशंका जताई जा रही है कि इन सिरप में ‘डायएथिलीन ग्लायकॉल’ नामक केमिकल मौजूद था, जो किडनी डैमेज का कारण बन सकता है। डॉ. पवन नंदूरकर का कहना है कि ज्यादातर कार के इंजन में डाले जाने वाले कूलेंट, पेंट्स या ग्रीस बनाने में इस केमिकल का उपयोग किया जाता है। वहीं राजस्थान में खांसी की सिरप Dextromethorphan HBr Syrup पीने से बच्चे की मौत का एक और दावा सामने आया। मामला भरतपुर के वैर तहसील का है, जहां परिजनों का कहना है कि उनके बच्चे की मौत भी इसी सिरप को पीने से हुई है। वहीं, सरकार ने उक्त दवा को क्लीन चिट दे दी है। 

छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड में मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा है कि लगभग 12 प्रकार की दवाओं के नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। अभी तीन नमूनों के परिणाम प्राप्त हुए हैं। रिपोर्ट में ऐसा कोई पदार्थ नहीं मिला है जिससे यह पता चले कि इन दवाओं के कारण मौतें हुई हैं। हालाँकि, शेष दवाओं की रिपोर्ट आज शाम तक आने की उम्मीद है। फिलहाल, नीरी और भारत सरकार अपनी प्रयोगशालाओं में भेजे गए नमूनों की रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि शाम तक अंतिम रिपोर्ट उपलब्ध हो जाएगी