कानपुर,वौइस् ऑफ इंडिया ।हावड़ा रेल रूट पर नई दिल्ली से दरभंगा जा रही क्लोन एक्सप्रेस के एस-1 कोच में इटावा में तेज धमाके के साथ बुधवार शाम करीब साढ़े पांच बजे आग लग गई। इस दौरान एस-2, एस-3 और दिव्यांग कोच भी एक-एक कर लपटों में घिर गए। चारों कोच में करीब 250 यात्री सफर कर रहे थे। आग की लपटों से घिरे यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। आननफानन लोगों ने चेन पुलिंग की। सरायभूपत स्टेशन पर ट्रेन की रुकते ही भगदड़ मच गई। कई यात्रियों ने ट्रेन की खिड़की से कूदकर जान बचाई। इसमें आठ लोग घायल हो गए। शाम करीब साढ़े पांच बज रहा था। नई दिल्ली-दरभंगा क्लोन एक्सप्रेस के एस-1 कोच में कुछ यात्री अपनी सीटों पर बैठे तो कुछ दरवाजे पर खड़े होकर बातें कर रहे थे। इस बीच ही अचानक तेज धमाके के साथ तेज लपटें उठना शुरू हो गईं। आवाज सुनकर और लपटें देखकर भगदड़ मच गई, लोग अपनी सीटें छोड़कर भागने लगे। Breaking News:3 बसों के एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ ने छीन ली 46 लोगो की जिंदगी हर यात्री अपने से साथ अपनों को बचाने में लगा था। लोग हाथ से खींचकर लोगों को बचाने में जुटे थे। दिल्ली से गोरखपुर अपने भाई भीम के साथ जा रहे गोविंद कुमार भी एस-1 कोच में 48 नंबर सीट पर सवार थे। उन्होंने बताया कि ट्रेन की चेन पुलिंग होते ही सबने गेटों से कूदना शुरू कर दिया। वह ट्रेन से कूद गए, लेकिन उनका भाई भीड़ में फंस गया। धक्कों के बीच किसी तरह भाई को खींचकर बाहर निकाला। सामान और जूते चप्पल वहीं रह गए। उन्होंने बताया कि अचानक 20 से 30 नंबर सीट से आग की लपटें उठने लगी थीं। हादसे के वक्त लगा जैसे किसी पटाखे की वजह से आग लगी हो। सामान से ज्यादा जरूरी है जाननई दिल्ली से ट्रेन के एस-3 कोच में बैठी निशा देवी ने बताया कि उन्होंने पांच टिकट बुक करवाए थे। शयनयान में आरक्षण होने के बाद भी बैठकर यात्रा कर रहे थे।अचानक से झटके के साथ ट्रेन रुकी और लोग भागते नजर आए। वह भी अपने बच्चों के साथ ट्रेन से उतर गई। उनका सामान उसी में रह गया। उन्होंने लड़खड़ाती जुबान से कहा कि सामान से ज्यादा जान जरूरी है। Post Views: 430 Post navigation जीवन में ठोकरें मिल रही हों तो पढ़ लें चाणक्य का ये ज्ञान ब्रेकिंग न्यूज़।बालाघाट में स्ट्रांग रूम में पोस्टल वोट की पेटी मतगणना से पहले खुली! देखिए वीडियो