वौइस् ऑफ इंडिया आचार्य चाणक्य को भारत का सबसे महान विद्वान कहा जाता है. चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में जीवन को व्यवस्थित बनाने के तरीके बताए हैं. इस नीति शास्त्र में लिखा है कि इंसान को जीवन में क्या करना चाहिए और क्या नहीं. आइए जानते हैं कि चाणक्य ने इसमें आय, निवेश, खर्च या पैसों को लेकर क्या कहा है. चाणक्य कहते हैं कि धन का संतुलित मात्रा में व्यय करना ही धन की रक्षा है. लेकिन इसका समय-समय पर खर्च होना भी जरूरी है. जिस प्रकार पात्र में रखा जल प्रयोग न होने पर वो खराब हो जाता है. उसी प्रकार सही समय पर धन का प्रयोग न होने पर उसकी कीमत खत्म हो जाती है. क्या आप जानते है दुनिया का सबसे बड़ा लव होटल कहाँ है,रोजाना 1000 लोग करते यहां रोमांस चाणक्य कहते हैं कि पैसे को अच्छे कार्यों में निवेश करना चाहिए. दान- दक्षिणा, कर्मकांड, यज्ञ, हवन आदि कार्यों में धन खर्च करना चाहिए. बेवजह धन का संचय करने का कोई अर्थ नहीं है. अपने धन को धार्मिक कार्यों में लगाएं. इससे आपके सुकर्म बढ़ेंगे और भाग्य का निर्माण होगा. Exclusive:छात्र राजनीति से शुरुआत,मां सीता पर दिया था विवादित बयान; पढ़ें मोहन यादव की कहानी चाणक्य ने पैसे की तुलना जल से करते हुए कहा है कि जिस तरह तालाब का पानी प्रयोग न होने से उसमें काई जमने लगती है. दुर्गंध आने लगती है. ठीक उसी प्रकार रखे हुए धन का भी यही हाल होता है. समय पर काम न आने वाले धन को अपने पास रखने का कोई महत्व नहीं है. Post Views: 669 Post navigation Uttrakhand.में खनन कारोबारी आज सरकार के खिलाफ करेंगे महारैली ब्रेकिंग न्यूज़:हार के बाद कांग्रेस का ऑपरेशन शुरू,बड़े और पुराने नेता पूर्व मुख्यमंत्री को किया पदमुक्त