मुख्य संवाददातानई दिल्ली: मनीषा कुमारी भारतीय रेलवे माल गोदाम श्रमिक यूनियन (बीआरएमजीएसयू) द्वारा आयोजित ‘रेलवे गुडस शेड वर्कर्स मंथन 2025’ ने देशभर के माल गोदाम श्रमिकों के जीवन में नई उम्मीद का संचार किया है। एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय) श्री के. शेखर ने श्रमिकों को देश की आर्थिक संरचना की रीढ़ बताते हुए उनके सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को ना केवल दोहराया बल्कि उन्होंने कहा कि सरकार श्रमिकों को श्रम पोर्टल, स्वास्थ्य बीमा और स्थायी मजदूरी जैसी योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए तत्पर है। उन्होंने यह भी कहा कि माल गोदाम श्रमिक देश की अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और उनके हितों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। बीआरएमजीएसयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. परिमल कांति मंडल ने बताया कि यूनियन का मुख्य उद्देश्य 8.5 लाख माल गोदाम श्रमिकों को सरकारी योजनाओं से जोड़कर उनके जीवन स्तर को सुधारना है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि बीआरएमजीएसयू को अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) द्वारा ‘ग्लोबल कोएलिशन फॉर सोशल जस्टिस’ के सदस्य के रूप में आमंत्रित किया गया है, जो यूनियन की वैश्विक पहचान को दर्शाता है। ‘रेलवे गुडस शेड वर्कर्स मंथन 2025’ में मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय) श्री के. शेखर ने माल गोदाम श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा, चिकित्सा सुविधाएं, स्थायी वेतन, शिक्षा, तकनीक, कौशल प्रशिक्षण, स्वस्थ और सुरक्षित कार्य वातावरण जैसे मुद्दों पर जोर देते हुए इनमें और सुधार लाने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि देशभर के माल गोदाम का सर्वेक्षण कर समस्याओं की पहचान की जा रही है ताकि श्रमिकों के कल्याण एवं उनके विकास के लिए सरकारी योजनाओं का यथोचित लाभ उन तक पहुंचाया जा सके औऱ इसके लिए श्रम विभाग लगातार कोशिश कर रहा है। रेलवे माल गोदाम श्रमिकों को सरकार की प्रमुख योजनाओं से जोड़ने का भी प्रयास किया जा रहा है। एनएफआईटीयू के अध्यक्ष डॉ. दीपक जायसवाल ने कहा कि “श्रमिकों के हितों की रक्षा ही देश की उन्नति है। श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत ईपीएफ का लाभ सभी को मिले, यह सुनिश्चत करने के लिए यूनियन लगातार प्रयास कर रही है और बीआरएमजीएसयू जैसे संगठन इस दिशा में प्रेरणास्त्रोत हैं।” भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष श्री हिरण्मय पांड्या ने श्रमिकों को संगठित होकर अपने अधिकारों की मांग करने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा, “संविधान में प्रदत्त श्रम अधिकारों की रक्षा हमारा कर्तव्य है।” मंथन कार्यक्रम में उप श्रमायुक्त तुकाराम ने कहा कि श्रम विभाग देशभर के श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सदैव तत्पर रहता है, लेकिन कानून की जटिल प्रक्रियाएं संविदा श्रमिकों के लिए थोड़ी उलझन पैदा करती है लेकिन श्रम विभाग हर स्तर पर उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए कार्य करता है। कार्यक्रम में विभिन्न श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए और श्रमिकों को संगठित होकर अपने अधिकारों की मांग करने के लिए प्रोत्साहित किया। ‘मंथन 2025’ न केवल श्रमिकों की समस्याओं को उजागर करने वाला मंच बना, बल्कि समाधान की दिशा में ठोस पहल का प्रतीक भी रहा। यह आयोजन श्रमिकों के संघर्ष और उनके धैर्य की सराहना के साथ समाप्त हुआ। Post Views: 237 Post navigation भारतीय जनता पार्टी के 11 वर्ष पूर्ण होने पर संकल्प से सिद्धि कार्यक्रम कोंडली विधानसभा के घड़ोली मंडल में किया गया