चंडीगढ़, संजीव मेहता।चंडीगढ़ में छुपे थे, हथियार भी मिले, नेपाल भागने वाले थे;

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या करने वाले दोनों शूटर्स को पुलिस ने शनिवार देर रात चंडीगढ़ से पकड़ लिया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को राजस्थान पुलिस के साथ ज्वॉइंट ऑपरेशन में यह कामयाबी मिली। शूटर नितिन फौजी को पुलिस जयपुर लेकर पहुंच गई है। उसे सोडाला थाने में रखा गया है। वहीं दूसरे शूटर रोहित राठौड़ को पुलिस सुबह दिल्ली से लेकर रवाना हुई। शूटर्स के पास हथियार भी मिले हैं। दोनों नेपाल भागने की फिराक में थे।

एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने बताया कि गोगामेड़ी की हत्या करने के बाद दोनों बदमाश रामवीर के साथ बगरू टोल तक पहुंचे थे। जहां से नितिन फौजी और रोहित राठौड़ बस से डीडवाना पहुंचे। डीडवाना से दोनों ने टैक्सी ली और सुजानगढ़ पहुंचे।

सुजानगढ़ से दिल्ली की बस में बैठकर रवाना हुए, लेकिन दोनों धारूहेड़ा पर ही बस से उतर गए। पीछे-पीछे पुलिस चल रही थी, पुलिस ने जब बस ड्राइवर को इन दोनों के बारे में पूछा तो बताया कि दोनों धारूहेड़ा उतरे हैं। जिसके बाद पुलिस ने हरियाणा जाने वाली बस-ट्रेनों को सर्च किया।

पुलिस को दोनों बदमाश की लोकेशन हिसार रेलवे स्टेशन पर मिली। वहां के सीसीटीवी फुटेज आने पर दोनों की तलाश में टीमें हिसार भेजी गईं, लेकिन ये बदमाश वहां से भी हिमाचल प्रदेश, मनाली के लिए निकल गए। मनाली में इनकी लोकेशन मिलने पर टीमें रवाना हुईं तो ये वहां से नितिन फौजी के गांव के रहने वाले एक व्यक्ति के घर चंडीगढ़ पहुंच गए, यहां से होटल में रुके। दिल्ली पुलिस को शनिवार दोपहर 2 बजे इनके चंडीगढ़ में होने की पुख्ता जानकारी मिली। दिल्ली पुलिस के एडीजी क्राइम रविंद्र सिंह ने राजस्थान पुलिस संपर्क किया।

जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ और एडीजी क्राइम ने अपनी टीम के 7 अफसरों और पुलिसकर्मियों को इस ऑपरेशन में भेजा। पुलिस को डर था की दोनों बदमाशों के पास हथियार हो सकते हैं। अगर पुलिस ने दोपहर या शाम को

रेड की और दोनों बदमाशों ने फायरिंग शुरू की तो कई लोगों की जान भी जा सकती हैं।पुलिस ने आधी रात का इंतजार किया, जिससे किसी को नुकसान न हो और शूटर जब तक कुछ करने का प्लान बनाए उससे पहले पुलिस उन्हें पकड़ ले। पुलिस ने दोनों शूटर और उनके साथी उधम सिंह को पकड़ लिया। उधम सिंह ने भागने में इनकी सहायता की थी। दिल्ली पुलिस ने दोनों शूटर्स से रोहित गोदारा, लॉरेंस से संबंधित पूछताछ की। हत्यारों की गिरफ्तारी पर राजस्थान पुलिस ने 5-5 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था।

परिचित को बोला था- कुछ दिन बाद निकल जाएंगे

चंडीगढ़ पहुंचने के बाद आरोपियों ने परिचित को घटना की जानकारी दी थी। उसे आश्वासन दिया था कि जैसे ही पुलिस का पहरा कम होगा, वे यहां से निकल जाएंगे। दोनों शूटरों का देश छोड़कर नेपाल भागने का प्लान था, लेकिन उससे पहले ही वे धरे गए।

रामवीर से पूछताछ में मिले थे अहम सुराग

जानकार सूत्रों की मानें तो महेंद्रगढ़ हरियाणा से गिरफ्तार हुए रामवीर जाट से जब पुलिस ने पूछताछ की तो उसने भी नितिन फौजी के कई ठिकानों के बारे में बताया था। उन पर काम करने से पहले ही दिल्ली पुलिस को जानकारी मिल गई थी।

दोनों बदमाशों से पुलिस के कुछ सवाल हैं, जो अब जयपुर कमिश्नरेट और एसआईटी की टीम उन से पूछताछ करेगी।

सवाल-1 दोनों बदमाशों ने किसके कहने पर सुखदेव सिंह गोगामेडी की हत्या की?

सवाल-2 दोनों बदमाशों को हथियार और कारतूस किसने मुहैया कराए?

सवाल-3 नवीन की हत्या क्यों की गई थी, जबकि वह दोनों को मिलाने के लिए सुखदेव के पास लेकर गया था?

सवाल-4 रोहित गोदारा, लॉरेंस किसने हत्या करने के लिए कहा था?

सवाल-5 कितने दिनों से जयपुर में रह कर रेकी और फायरिंग की प्लानिंग कर रहे थे?

सवाल-6 और कितने लोग हैं, जिनकी हत्या की प्लानिंग चल रही है?

सवाल-7 दोनों के पास नौकरी-एजुकेशन होने के बाद हत्याकांड को अंजाम क्यों दिया?

सवाल-8 दोनों रोहित और लॉरेंस गैंग से कब और किस के माध्यम से जुड़े?

सवाल-9 राजस्थान में दोनों की सबसे अधिक मदद किसने

सवाल-10 हत्याकांड के बाद दोनों कहां-कहां पर भागे, कितना पैसा मिला?

करणी सेना के अध्यक्ष को घर में घुसकर गोलियां मारी थीं 5 दिसंबर को दोपहर करीब 1:03 बजे 2 बदमाशों ने गोगामेड़ी पर गोलियां चलाईं, फिर भाग निकले थे। गोगामेड़ी को मेट्रो मास हॉस्पिटल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। गोगामेड़ी के साथ घटना के दौरान मौजूद गार्ड अजीत सिंह गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। बदमाशों की फायरिंग में नवीन शेखावत की भी मौत हो गई थी। नवीन ही बदमाशों को गोगामेड़ी के घर ले गया था।