प्रयागराज, संजीव मेहता।अगर आप महाकुंभ में स्नान करने आए हैं तो आपको पता तक नहीं चलेगा कि एक आभासी रेखा (वर्चुअल लाइन) के पार करते ही आपकी गिनती कर ली गई है। दरअसल, तकनीक के संगम से यह संभव हो पा रहा है। इसके लिए सर्वाधिक निर्भरता एआई यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर है। एआई के सहयोग से महाकुंभनगर में आने वाले सभी प्रमुख मार्गों पर आभासी रेखा खींची गई है और यहीं एआई कैमरों को इस तरह से इंस्टॉल किया गया है कि रेखा पार करते ही श्रद्धालु की गिनती हो जाए। यह विशिष्ट कैमरा केवल श्रद्धालुओं का हेड काउंट ही नहीं करता बल्कि उनकी तस्वीर भी अपने डेटाबेस में संग्रहीत कर लेता है।इससे यह लाभ होता है कि अगर उक्त व्यक्ति की तस्वीर कहीं किसी दूसरे कैमरे में कैप्चर हो तो सॉफ्टवेयर उसे पहचान लेगा और एक ही तस्वीर की अलग-अलग गिनती को छांट देगा ताकि गणना वास्तविकता के अधिक से अधिक करीब हो। गणना के लिए और भी तरीके अपनाए जा रहे हैं। मोबाइल कंपनियों के टावर के बीटीएस (बेस ट्रांसीवर स्टेशन) से भी डाटा उठाते हैं और इनके संयोजन को भी आंकड़ों के सही अनुमान के लिए उपयोग में लेते हैं। महाकुंभ में बने इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर में सभी डाटा का संकलन कर अंतिम संख्या तय की जाती है। इस बार महाकुंभ में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान है। अब तक 17 दिनों में लगभग 28 करोड़ श्रद्धालु आ चुके हैं। सबसे ज्यादा भीड़ मौनी अमावस्या के दो दिनों में लगभग 13 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे हैं।यह दुनिया का सबसे बड़ा हेड काउंट हो रहा है, जो कीर्तिमान होगा। श्रद्धालुओं की काउंटिंग और ट्रैकिंग के लिए मेला क्षेत्र के अंदर 200 स्थानों पर लगभग 744 अस्थायी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जबकि शहर के अंदर 268 स्थानों पर 1107 स्थायी सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। जानकारों के मुताबिक, कुंभ में आने वाले यात्रियों की गणना का काम 19वीं सदी से ही शुरू हुआ था और अलग-अलग समय पर श्रद्धालुओं की गिनती के विभिन्न तरीके अपनाए गए. साल 1882 के कुंभ में अंग्रेजों ने संगम आने वाले सभी प्रमुख रास्तों पर बैरियर लगाकर गिनती की थी. इसके अलावा रेलवे टिकट की बिक्री के आंकड़ों को भी आधार बनाकर कुल स्नान करने वालों की संख्या का आकलन किया गया था और उस वक्त करीब दस लाख लोग मेले में पहुंचे थे. Post Views: 2,398 Post navigation उत्तराखंड का खाता खुला, बागेश्वर की ज्योति ने वुशु में जीता पहला पदक 311 बार हुआ चालान, वाहन की कीमत से अधिक लगा जुर्माना