मुख्य संवाददाता, मनीषा कुमारी
*नई दिल्ली, 13 जून भाजपा को एमसीडी की सत्ता संभालते ही कर्मचारियों की सैलरी देरी से आने लगी है। सभी तरह के कर्मचारियों को अब 10 से 20 दिन की देरी से सैलरी मिल रही है। इससे पहले जब 15 साल तक भाजपा एमसीडी में थी, तब तो कर्मचारियों को सैलरी लेने के लिए छह-छह महीने तक इंतजार करना पड़ता था। शुक्रवार को एमसीडी में आम आदमी पार्टी नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने यह जानकारी देते हुए कहा कि ‘‘आप’’ सरकार बड़ी मुश्किल से लंबित सैलरी को ट्रैक पर लाई थी और कर्मचारियों को एक तारीख को सैलरी दे रही थी। पिछले हफ्ते सीएम रेखा गुप्ता ने दावा किया था कि एमसीडी को 820 करोड़ रुपए जारी कर दी गई है, लेकिन एमसीडी को यह पैसा अभी तक नहीं मिला है।

एमसीडी में आम आदमी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर कहा कि दिल्ली में भाजपा की चार इंजन की सरकार है। एमसीडी, दिल्ली सरकार और केंद्र में भाजपा है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी कहती हैं कि उनका एलजी भी एक इंजन है। पिछले हफ्ते भाजपा ने घोषणा कर कहा कि दिल्ली सरकार एमसीडी को 3,282 करोड़ रुपए देगी। इसमें से 820 करोड़ रुपए की पहली किश्त जारी कर दी गई है। मीडिया में भी आया कि दिल्ली सरकार ने एमसीडी को 820 करोड़ रुपए जारी कर दी है। सीएम रेखा गुप्ता ने खुद दावा किया कि सरकार ने एमसीडी को 820 करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं, लेकिन यह राशि अभी तक एमसीडी के खाते में नहीं पहुंची है।

अंकुश नारंग ने कहा कि भाजपा ने दावा किया था कि केंद्र और दिल्ली में उनकी सरकार होने से वे एमसीडी और दिल्ली सरकार को बेहतर तरीके से चलाएंगे। लेकिन डीएमसी एक्ट में बदलाव के बावजूद, जहां केंद्र सरकार को और शक्तियां दी गईं, भाजपा की केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों विफल साबित हुई हैं। भाजपा की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है। भाजपा और एमसीडी के नेता वीडियो बनाकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का धन्यवाद कर रहे हैं, लेकिन जब 820 करोड़ रुपए की राशि अभी तक एमसीडी को मिली ही नहीं, तो यह धन्यवाद किस बात का है?

उन्होंने बताया कि आज एमसीडी के हालात बद से बदतर हो गए हैं। आम आदमी पार्टी ने अपने ढाई साल के शासन में भाजपा के 15 साल के भ्रष्टाचार और वेतन बैकलॉग को खत्म किया था। उस समय कर्मचारियों को छह-आठ महीने तक वेतन नहीं मिलता था, लेकिन “आप” सरकार ने कर्मचारियों की सैलरी को ट्रैक पर लाया। हर कर्मचारी के खाते में महीने की एक तारीख को वेतन पहुंचने लगा। दिवाली जैसे त्योहारों पर सैलरी पहले भी दी गई और कई बार 31 तारीख को भी कर्मचारियों के खाते में वेतन पहुंच गया।

अंकुश नारंग ने कहा कि एमसीडी की सत्ता संभाले भाजपा को दो महीने ही हुए हैं और सफाई कर्मचारियों को सैलरी फिर से देर से मिलने लगी है। दो महीने के अंदर ही सैलरी मिलने में 10-12 दिन की देरी होने लगी है। साथ ही, ग्रुप ए, बी और सी के कर्मचारियों को पिछले महीने की सैलरी अभी तक नहीं मिली है। कर्मचारियों की सैलरी में दो-तीन महीने का बैकलॉग फिर से शुरू हो गया है। हाल ही में भाजपा ने 60 कर्मचारियों को रिटायर करवाया और उनके लिए सिविक सेंटर के ग्राउंड फ्लोर पर एक शानदार रिटायरमेंट पार्टी का आयोजन किया। लेकिन इन सेवानिवृत्त कर्मचारियों के 100 करोड़ रुपए के सेवानिवृत्ति लाभ अभी तक बकाया हैं। कर्मचारियों ने बताया कि भाजपा और एमसीडी की ओर से दिया गया लिफाफा खाली होता है। उसमें कोई चेक नहीं होता।

उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को ग्रेच्युटी, पीएफ और अन्य रिटायरमेंट लाभ नहीं मिल रहे हैं। कई कर्मचारियों को कई सालों से पेंशन नहीं मिली है। कई सालों से एरियर्स लंबित हैं। एमएसीपी (मॉडिफाइड एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन) के तहत 10 साल बाद प्रमोशन और अगले वेतन स्केल पर जाने के लाभ भी लंबित हैं। प्रोबेशन पीरियड के एरियर्स भी बकाया हैं। इसके अलावा, एमसीडी कर्मचारियों को कैशलेस मेडिकल बेनिफिट्स भी नहीं दे पा रही है। भाजपा बड़े-बड़े वादे करके सत्ता में आई थी, लेकिन वह केंद्र, राज्य या एमसीडी के स्तर पर अपने वादों को पूरा नहीं कर पा रही है।

उन्होंने कहा कि हाल ही में भाजपा ने मेगा सफाई अभियान चलाया था, लेकिन उसकी पोल खुल चुकी है। सेंट्रल जोन की सड़कों और वल्नरेबल पॉइंट्स पर कूड़ा जमा है। कूड़ा नहीं उठाया जा रहा, टिप्पर नहीं बढ़ाए जा रहे और जनता की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा। भाजपा को शर्मिंदगी महसूस करनी चाहिए कि वह अपनी कथनी और करनी में समानता नहीं रख पा रही है। भाजपा से मांग है कि एमसीडी को 820 करोड़ रुपए तुरंत दिया जाए ताकि कर्मचारियों की सैलरी समय पर दी जा सके, जैसा कि “आप” अपनी सरकार में करती थी। सीएम का यह आश्वासन 2,500 रुपए के वादे जैसा नहीं होना चाहिए, जो भाजपा ने पहली कैबिनेट मीटिंग में पूरा करने का दावा किया था या फिर होली और दिवाली पर मुफ्त सिलेंडर देने के वादे जैसा नहीं होना चाहिए। दिल्ली की जनता ने भाजपा पर भरोसा जताया है और उनकी अपेक्षाएं हैं। भाजपा को इन अपेक्षाओं पर खरा उतरना चाहिए।