संजीव मेहता, वौइस् ऑफ इंडिया। भारत में लोग काफी धार्मिक हैं. वैसे तो इस देश में हर धर्म के लोग रहते हैं. यहां मंदिर हैं, मस्जिद हैं, गुरुद्वारा हैं. लेकिन ज्यादातर भारत में हिन्दू ही रहते हैं. बात अगर हिन्दू धर्म की करें तो इसे सनातन धर्म भी कहा जाता है. इस धर्म में नेचर को काफी अहमियत दी जाती है. पूजापाठ में भी पांच तत्वों को काफी इम्पोर्टेंस दी जाती है. बात अगर हिन्दू धर्म और पूजा पाठ की कर रहे हैं, तो इसमें गंगाजल का काफी महत्व है. कोई भी पूजा बिना गंगाजल के पूरी नहीं मानी जाती.

गंगाजल को इतना महत्व देने का कारण भी है. भले ही कई लोग पौराणिक कथाओं पर यकीन ना करें लेकिन ये एक फैक्ट है कि गंगा नदी का पानी कभी खरान नहीं होता. किसी भी अन्य वॉटर बॉडी से पानी कलेक्ट कर आप एक बोतल में भर लीजिये. कुछ समय के बाद वो पानी सड़ जाएगा. लेकिन सिर्फ और सिर्फ गंगा नदी का ही पानी एक ऐसा जल है तो कभी खराब नहीं होता. तो क्या ये नदी भगवान से पाए वरदान के कारण चमत्कारी है? या फिर इसके पीछे कोई ख़ास वजह है?

भले ही पर इंसानों ने गंदगी फैलाकर इसके पानी को दूषित कर दिया है लेकिन जो साफ़ पानी है वो कभी खराब नहीं होता और ना ही उससे बदबू आती है. इसकी वजह है वो जगह जहां से ये निकलती है. दरअसल, जिस जगह से गंगा की उत्पत्ति हुई है, वहां कई तरह के खनिज और जड़ी बूटियां पाई जाती हैं. ऐसी में ये पानी से मिल जाते हैं. यही वजह है कि इसका पानी कभी खराब नहीं होता.

नहीं लगता कीड़ा
अगर आप किसी भी अन्य नदी के पानी को बोतल में भर लें तो एक समय के बाद ये सड़ जाता है. इतना ही नहीं, इससे बदबू भी आने लगती है. लेकिन गंगाजल में ऐसे वायरस पाए जाते हैं जो सड़ाने वाले बैक्टेरिया को पनपने ही नहीं देते. अगर पानी में कोई अशुद्धि है तो उसे समाप्त कर देते हैं. इस कारण ही गंगाजल को कितने भी साल बोतल में बंद कर रख दी, इससे ना बदबू आती है ना ही ये खराब होता है.