देहरादून:संजीव मेहता। उत्तराखंड के तमाम तीर्थ और पर्यटक स्थलों तक पहुंचने के लिए लंबा एवं कठिन सफर तय करना पड़ता है. ऐसे में सफर को आसान और सुगम बनाने पर जोर दिया जा रहा है. जिसके तहत रोपवे का जाल बिछाया जा रहा है. हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट ने केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना को मंजूरी दी है. इसके अलावा उत्तराखंड में रोपवे का जाल बिछाने के लिए राज्य सरकार ने भारत सरकार को एक लंबी लिस्ट भेज रखी है. अगर ये रोपवे परियोजनाएं धरातल पर उतर जाते हैं तो आने वाले समय उत्तराखंड की स्थिति कुछ और ही होगी.

विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. यही वजह है कि राज्य सरकार पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है. इसी कड़ी में राज्य सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर को भी तेजी से बढ़ाना चाहती है. ताकि, आने वाले समय में ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को उत्तराखंड की ओर आकर्षित किया जा सके. लिहाजा, राज्य सरकार उत्तराखंड में चारों ओर रोपवे का जाल बिछाना चाहती है. ताकि, देश-विदेश से आने वाले सैलानियों को बेहतर ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके.

सोनप्रयाग-केदारनाथ तक यानी 13 किलोमीटर लंबे रोपवे का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा. जिसके पहले चरण के तहत गौरीकुंड से केदारनाथ (9.7 किलोमीटर) और दूसरे चरण में सोनप्रयाग से गौरीकुंड (3.3 किलोमीटर) तक किया जाएगा. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 अक्टूबर 2022 को केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे का शिलान्यास किया था.