चंड़ीगढ़,संजीव मेहता।चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग अधिकारी को कड़ी फटकार लगाई। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि यह स्पष्ट है कि रिटर्निंग अधिकारी ने मतपत्रों को नष्ट किया है। कोर्ट ने सवाल पूछा कि क्या इसी तरह से चुनाव का आयोजन होता है? यह लोकतंत्र का मजाक है। यह जनतंत्र की हत्या है। पूरे मामले से हम हैरान हैं। इस अधिकारी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। क्या यह रिटर्निंग अधिकारी का व्यवहार है? सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से मतपत्र, वीडियोग्राफी और अन्य सामग्री समेत चुनाव प्रक्रिया के पूरे रिकॉर्ड को संरक्षित करने का आदेश दिया। वहीं अगली सुनवाई तक चंडीगढ़ निगम की आगामी बैठक को टालने का निर्देश भी दिया। 30 जनवरी को हाईकोर्ट के आदेश पर चंडीगढ़ मेयर चुनाव हुआ था। इसमें भाजपा प्रत्याशी मनोज सोनकर ने चार मतों से जीत दर्ज की थी। भाजपा के पास कुल 14 पार्षद थे। वहीं एक मत सांसद किरण खेर का था। भाजपा प्रत्याशी को कुल 16 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस-आप प्रत्याशी को 12 मत मिले थे। जबकि गठबंधन के पास कुल 20 मत थे। चुनाव के दौरान आठ मतों को अमान्य करार दिया गया था। इस वजह से मेयर चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी। Post Views: 1,293 Post navigation School Closed: पंजाब में 5वीं तक के स्कूल बंद तहसील बटाला में लोगों को अपने काम निपटाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा:रमेश नैयर