हरिद्वार,संजीव मेहता। मनसा देवी रोपवे का संचालन बंद होने से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बुजुर्ग, दिव्यांग और शरीर से ज्यादा वजन के लोग पैदल यात्रा कर माता के दर्शन करने में असमर्थ हैं। फिलहाल रोपवे संचालन को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। मंगलवार को देश के कई राज्यों से पहुंचे श्रद्धालुओं को निराश ही लौटना पड़ा।

बता दें कि रोपवे का संचालन कर रही कंपनी ऊषा ब्रेको लिमिटेड की मूल लीज अवधि 40 वर्ष तक थी, जो 20 मई 2021 को ही समाप्त हो गई। समय के साथ-साथ शहरी विकास विभाग के साथ अनुबंध बढ़ता गया। अब अनुबंध की अंतिम अवधि भी समाप्त हो गई है।

बता दें कि रोपवे का संचालन कर रही कंपनी ऊषा ब्रेको लिमिटेड की मूल लीज अवधि 40 वर्ष तक थी, जो 20 मई 2021 को ही समाप्त हो गई। समय के साथ-साथ शहरी विकास विभाग के साथ अनुबंध बढ़ता गया। अब अनुबंध की अंतिम अवधि भी समाप्त हो गई है।

वर्तमान में ऊषा ब्रेको लिमिटेड मनसा देवी और चंडी देवी रोपवे का संचालन कर रही है। पूर्व में कंपनी की प्रतिस्पर्धा नहीं थी, लेकिन यदि टेंडर की प्रक्रिया शुरू हुई तो इस बार कई प्रतिद्वंदी सामने होंगे। इनमें वह लोग पहले से ही ताक में हैं, जो पहाड़ी राज्यों में दूसरी जगहों पर रोपवे का संचालन कर रहे हैं। वर्तमान में रोपवे का संचालन कर रही कंपनी की मुस्किलें इससे बढ़ जाएंगी।

25 करोड़ की कमाई में सरकार को मिलते हैं सवा तीन करोड़ रुपये

मां मनसा देवी रोपवे की सवारी का लाभ उठाने वाले यात्रियों की कुल संख्या प्रति वर्ष लगभग 20 लाख है। वर्तमान टिकट की कीमत 129 रुपये प्रति व्यक्ति है। इससे कुल राजस्व प्रतिवर्ष 25.00 करोड़ के लगभग प्राप्त होता है। इस राजस्व में से उषा ब्रेको लिमिटेड वार्षिक लीज रेंट के रूप में 3.25 करोड़ रुपये राज्य सरकार को उपकर के रूप में देता है। औसतन यह प्रति टिकट तीन रुपया प्रति व्यक्ति आता है। यदि टेंडर हो तो कई अन्य फर्माें को मौका मिलेगा ही साथ ही राजस्व कई गुना बढ़ जाएगा।