नई दिल्ली, संजीव मेहता।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद एक बात जिसकी चर्चा बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों के ही समर्थक कर रहे हैं कि गिरफ्तारी का असर आगामी लोकसभा चुनावों के नतीजों पर कितना पड़ेगा? आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के समर्थकों का मानना है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी लोकसभा चुनावों में राजनीतिक संभावनाओं के लिए एक हथियार के रूप में काम करेगी. बीजेपी के कट्टर समर्थकों को छोड़कर सामान्य वोटर जिनका वोट बीजेपी को जा सकता है उन्हें भी ऐसा लगता है कि अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस को बीजेपी सरकार ने लोकसभा चुनावों में दिल्ली में सारी सीटें जीतने एक मौका दे दिया. तो फिर क्या मान लिया जाए कि बीजेपी के चाणक्य जनता की नब्ज समझ नहीं सके? तो जान लीजिए कि ऐसा भी नहीं है कि बीजेपी को धुरंधर नेताओं को जनता की नब्ज समझने की क्षमता नहीं है. आइए देखते हैं कि केजरवाल की गिरफ्तारी किस तरह अगले चुनाव में काम करेगी? इस गिरफ्तारी से मलाई कौन खाएगा? अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली के नागरिकों को जो यह अच्छी तरह समझा सकेगा कि यह गिरफ्तारी कानूनी मामला है, न कि राजनीतिक. उसे ही लोकसभा चुनावों में फायदा होने वाला है. अगर केजरीवाल अपने समर्थकों को यब समझाने में सफल हुए कि यह मामला पूरी तरह राजनीतिक है तो यह बीजेपी के लिए उल्टा पड़ जाएगा. केंद्र सरकार शायद इसीलिए किसी तरह के जल्दबाजी के मूड में नहीं थी. अरविंद केजरीवाल के पास महीनों से ईडी के समन आ रहे थे. लगातार 10 समन के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई है. यह सब कसरत सिर्फ इसी लिए हुई होगी ताकि लोगों के मन में यह बात बैठाई जा सके कि कानून अपना काम कर रहा है. चुनाव 2024:उत्तराखंड में बनेगा इतिहास या टूटेगी परिपाटी भाजपा, जिसने पिछले साल दिल्ली जल बोर्ड घोटाला सहित 10 बड़े घोटालों पर आप को घेरने के लिए 400-दिवसीय रणनीति पर काम करना शुरू किया था. इस बीच केजरीवाल को ईडी द्वारा समन भी जारी किया जाता रहा. ताकि आप संयोजक को भ्रष्टाचार का चेहरा बनाया जा सके. इसके बाद केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई है. ताकि यह बताया जा सके कि यह एक कानूनी मामला था न कि राजनीतिक मामला. हालांकि इस गिरफ़्तारी से निश्चित रूप से दिल्ली में इंडिया गठबंधन के और मजबूत होने की सभावना है. जिस तरह कांग्रेस पार्टी के नेताओं संदीप दीक्षित और अरविंदर सिंह लवली आदि जो कभी केजरीवाल के लिए आग उगलते रहे हैं, अब केंद्र सरकार को घेर रहे हैं. इससे यही लगता है कि इस गिरफ्तारी ने विपक्ष को दिल से एकजुट करने का मौका दे दिया है. दोनों पार्टियों का शहर की मलिन बस्तियों, अनधिकृत कॉलोनियों और निम्न-मध्यम वर्गीय परिवारों में एक समान समर्थन का आधार है. केजरीवाल की गिरफ्तारी से अगर सहानुभूति की लहर दौड़ती है तो इंडिया गठबंधन को मजबूत करने में मदद मिलेगी. पतंजलि योगपीठ में वासंती नवसस्येष्ठी यज्ञ के साथ मनाया गया होलीकोत्सव,उमा भारती रही विशिष्ट अतिथि केजरीवाल की गिरफ्तारी एक और कारण से बीजेपी के फेवर में जा सकती है. भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि गिरफ्तारी का एक मुख्य परिणाम AAP की कमजोरी होगी. केजरीवाल आम आदमी पार्टी का मुख्य चेहरा हैं और भीड़ और संसाधन जुटाने वाली आवाज हैं. वह पार्टी के मुख्य वैचारिक आधार और स्तंभ भी हैं. केजरीवाल के बिना, AAP चुनाव प्रचार में कोई प्रभाव डालने की स्थिति में नहीं होगी. पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा: “इससे इंडिया ब्लॉक के स्टार प्रचारकों में से एक की कमी हो जाएगी. साथ ही बीजेपी आम लोगों को भ्रष्ट लोगों के गठबंधन के रूप में प्रचारित प्रसारित करेगी. और भ्रष्टाचार विरोधी योद्धा के रूप में आम आदमी पार्टी के सत्ता में आने केजरीवाल के भ्रम को तोड़ सकेगी.लेकिन इंडिया गठबंदन यह प्रचार करेगा कि जिन पर प्रधानमंत्री मोदी भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहे लेकिन जब ऐसे लोग भाजपा में शामिल हो जाते है तो सोच बदल जाती है। बीजेपी कार्यकर्ता और नेता केजरीवाल की गिरफ्तारी के पहले से एक बात करते हैं कि आम आदमी पार्टी के नेताओं की गिरफ्तारी का कारण बीजेपी नहीं है. उनका कहना है कि जब कोर्ट आप नेताओं संजय सिंह, सत्येंद्र जैन और मनीष सिसौदिया आदि को बेल नहीं देता है तो यह कहा जाता है कि कोर्ट सरकार के दबाव में है. और चंडीगढ़ मेयर चुनाव और इलोक्टोरल बॉन्ड पर कोर्ट जब फैसले सुनाता है तो वह बेहतर हो जाता है. Post Views: 362 Post navigation चुनाव 2024:उत्तराखंड में बनेगा इतिहास या टूटेगी परिपाटी Big Breaking news सुप्रीम कोर्ट से आप सांसद संजय सिंह को बड़ी राहत