संजीव मेहता तमिलनाडु की तिरुनेलवेली से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां जातीय हिंसा के शिकार दो युवकों के कपड़े उतारे गए और उन पर पेशाब किया गया। इस मामले में तिरुनेलवेली पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि उसने दो दलित पुरुषों को कथित तौर पर निर्वस्त्र करने और उनसे कैश व मोबाइल फोन लूटने से पहले उन पर पेशाब करने के आरोप में सबसे पिछड़े समुदाय के छह लोगों को गिरफ्तार किया था।

विपक्ष के नेता एडप्पादी पलानीस्वामी (ईपीएस) ने गुरुवार को ऐसे जातीय अत्याचारों के लिए द्रमुक सरकार को दोषी ठहराया। ईपीएस ने कहा, “यह पूरी मानवता को अपमानित करता है। पुलिस को त्वरित कार्रवाई करनी होगी और सरकार को पीड़ितों को मुआवजा देना चाहिए। द्रमुक के सत्ता में आने के बाद अभूतपूर्व तरीके से जातिगत अत्याचार हो रहे हैं।”

यह घटना 30 अक्टूबर को हुई जब पीड़ित एस मारियाप्पन (19) और उसका दोस्त एस मनोज (21) थमिराबरानी नदी पर स्नान करने गए थे। पीड़ितों ने कहा कि छह आरोपियों ने पहले उनके रुपये छीनने की कोशिश की, लेकिन जब उन्हें उनकी जाति का पता चला, तो उन्होंने उन्हें पीटना शुरू कर दिया। यह हमला आधी रात के बाद भी पांच घंटे तक चलता रहा। हमलावर सभी सभी युवा थे।

पीड़ितों में से एक ने अस्पताल वार्ड से संवाददाताओं से कहा, “उन्होंने मेरी शर्ट और पैंट फाड़ दी। उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं किस जाति से हूं। उन्होंने कहा कि वे मुझे मार डालेंगे। उन्होंने मुझ पर पेशाब किया। उन्होंने मुझे और मेरे दोस्त को लाठियों से मारा। उन्होंने मेरे चेहरे पर भी मारा और शिकायत न करने की धमकी दी।” पीड़ितों ने कहा कि उन्होंने आरोपियों को पहले कभी नहीं देखा था और आरोप लगाया कि छह लोग गांजे के नशे में थे। पीड़ितों ने कहा कि उनके सेल फोन, डेबिट कार्ड और 5000 रुपये कैश छीन लिए गए। पीड़ित नग्न अवस्था में घर वापस गए और अपने परिवार के सदस्यों को आपबीती सुनाई।

तिरुनेलवेली के शहर क्षेत्राधिकार के एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “हमला शाम 7.30 बजे से देर रात 1 बजे तक चला।” दोनों के शरीर पर विभिन्न चोटों के कारण तिरुनेलवेली के सरकारी अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। पुलिस ने कहा कि आरोपियों की पहचान एम पोनमनी (25), एस नल्लामुथु (21) आर अयिराम (19), बी रामर (22), एम शिवा (22) और जी लक्ष्मणन (19) के रूप में की गई है।

उन पर आईपीसी और एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। सीपीआई (एम) के जिला सचिव के श्रीराम ने कहा कि तमिलनाडु के दक्षिणी क्षेत्र में, जिसमें तिरुनेलवेली जिला भी शामिल है, वहां जाति-संबंधी लड़ाइयों में वृद्धि हुई है। वामपंथी नेता ने कहा, “हम जाति के प्रति जागरूक होकर पीछे की ओर जा रहे हैं। हमें तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है।”